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कोर्ट में कन्हैया पर हमले का आरोपी वकील यशपाल जमानत पर रिहा, जेल में जाकर मारने की बात कही थी

आजतक के स्टिंग ऑपरेशन के बाद पटियाला हाउस कोर्ट में जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार पर हमला करने के आरोप में गिरफ्तार हुए आरोपी वकील यशपाल सिंह को जमानत पर रिहा कर दिया गया है. दिल्ली पुलिस ने आज तक के स्टिंग ऑपरेशन के बाद वकील यशपाल को गिरफ्तार किया था.

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आज तक के स्टिंग ऑपरेशन में हुआ था खुलासा
आज तक के स्टिंग ऑपरेशन में हुआ था खुलासा

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आजतक के स्टिंग ऑपरेशन के बाद पटियाला हाउस कोर्ट में जेएनयू छात्र संघ नेता कन्हैया कुमार पर हमला करने के आरोप में गिरफ्तार हुए आरोपी वकील यशपाल सिंह को जमानत पर रिहा कर दिया गया है. हालांकि वकील यशपाल को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश होना है.

आज तक के स्टिंग के बाद हुई थी गिरफ्तारी
दिल्ली पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट मारपीट मामले में आरोपी वकील यशपाल को गिरफ्तार किया था. ये गिरफ्तारी आजतक के स्टिंग ऑपरेशन के बाद हुई थी. आजतक ने अपने स्टिंग 'ऑपरेशन पटियाला हाउस' में यशपाल समेत उन तीन वकीलों के कबूलनामे को दिखाया था, जिनकी अगुवाई में पूरे बवाल की बुनियाद रखी गई थी और कन्हैया को पेशी के दौरान पीटा गया था.

 

तिलक मार्ग थाने में यशपाल से पूछताछ
दिल्ली पुलिस ने तिलक मार्ग थाने में यशपाल से पूछताछ की. दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यशपाल सिंह को हमले के दो मामलों के सिलसिले में उस वक्त गिरफ्तार किया गया जब वह अपने खिलाफ जारी सम्मन का पालन करते हुए तिलक मार्ग थाने में जांच अधिकारियों के समक्ष उपस्थित हुआ. स्टिंग ऑपरेशन में यशपाल ने कई बातों का खुलासा किया था. उसने कहा था कि कन्हैया की अगली पेशी में फिर हमला करेंगे. यशपाल ने जेल में जाकर मारने की बात भी कही थी. उसने अगली पेशी में पेट्रोल बम फेंकने की कही थी. तीनों वकीलों ने यह स्वीकार किया कि उन्होंने कन्हैया को बुरी तरह पीटा था और इस काम में पुलिस ने भी उनका साथ दिया था.

 

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SC ने लिया नोटिस
इससे पहले जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की पेशी के दौरान पटियाला हाउस कोर्ट के बाहर हुए बवाल पर 'आज तक' के स्टिंग ऑपरेशन के जरिए वकीलों की पोल खुलने के बाद सुप्रीम कोर्ट और सरकार ने भी इसे नोटिस में लिया है. मंगलवार को शीर्ष अदालत ने कहा कि प्रशांत भूषण इस मामले में याचिका दायर करें. स्टिंग से हुए खुलासे पर केंद्र सरकार ने मामले को मौजूदा बजट सत्र के दौरान संसद में रखने पर सहमति जताई है. इसके साथ ही वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने मामले को सुप्रीम कोर्ट के सामने उठाया. जिस पर कोर्ट ने उन्हें एक याचिका दायर करने के लिए कहा है. याचिका दायर होने के बाद कोर्ट 'आज तक' के स्टिंग ऑपरेशन को भी देखेगा.

तीन वकीलों ने रची थी साजिश
कोर्ट के भीतर काले कोट वाले विक्रम सिंह चौहान, यशपाल सिंह और ओम शर्मा ने भरी अदालत में देशद्रोह के आरोपी कन्हैया के खिलाफ कानून हाथ में ले लिया . 'आज तक' की स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम ने अदालत में कानून के खिलाफ खुली बगावत करने वाले इन तीनों आरोपियों को खोज निकाला. इन तीनों ने खुद ही स्टिंग ऑपरेशन में 15 फरवरी को दिनदहाड़े हमले की साजिश की परत दर परत उधेड़नी शुरू कर दी.

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कन्हैया की हुई थी जमकर पिटाई
हरियाणा के रेवाड़ी के रहने वाले विक्रम सिंह चौहान के चेहरे से पर्दा उतरा तो उसने पुलिस सुरक्षा की सारी कलई खोलकर रख दी. चौहान ने कैमरे के सामने कहा, 'हमने तीन घंटे तक कन्हैया को पीटा . उसको भारत माता की जय बोलने कहा. उसने नारे लगाए. तब जाकर उसे छोड़ा.' चौहान ने कहा कि उन्होंने कन्हैया को इतना पीटा कि उसकी पैंट गीली हो गई.

पुलिस की थी मिलीभगत
चौहान का सनसनीखेज खुलासा पुलिस पर बड़े सवाल खड़े करती है. क्या पुलिस भी हमले की साजिश में मिली हुई थी और उसका दावा झूठा है कि कन्हैया के साथ मारपीट नहीं हुई. उसे लगी चोटें बहुत मामूली हैं. विक्रम सिंह चौहान का खुलासा बताता है कि अदालत में कन्हैया पिटता रहा और पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी रही. चौहान के मुताबिक, 'भारत होगा तो समर्थन मिलेगा. वहां सीआरपीएफ के जवान भी मौजूद थे. बुलाए जाने पर उन्होंने यूनिफॉर्म का हवाला दिया.'

बाहर से बुलाए थे लड़के
अदालत में जब वकीलों की गुस्साई भीड़ कन्हैया पर हमला कर रही थी तो इस भीड़ में बाहर से काले कोट में बुलाए गए लोग भी शामिल थे. उन लोगों का इरादा ही था कि देशद्रोह के आरोपी को नहीं छोड़ेंगे. चौहान ने बताया कि द्वारका, रोहिणी जैसी जगहों से कई लड़के हमने बुलाए थे. मैंने फेसबुक पर लिखकर उन्हें बुलाया था. पटियाला हाउस कोर्ट में तो सौ-पचास वकील ही थे. उनमें से आधे तो चालानों में बिजी थे.

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