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लियाकत केस में परिवार का दावा, सरेंडर का फॉर्म भरा था

गिरफ्तार किए गए हिज्‍बुल मुजाहिदीन के आतंकी लियाकत के मामले में नया मोड़ आ गया है. आतकंवादी लियाकत के परिवार ने कहा है कि जम्‍मू-कश्‍मीर की उमर अब्दुल्ला सरकार की एमनेस्टी योजना के तहत लियाकत सरेंडर करने आ रहा था.

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गिरफ्तार किए गए हिज्‍बुल मुजाहिदीन के आतंकी लियाकत के मामले में नया मोड़ आ गया है. आतकंवादी लियाकत के परिवार ने कहा है कि जम्‍मू-कश्‍मीर की उमर अब्दुल्ला सरकार की एमनेस्टी योजना के तहत लियाकत सरेंडर करने आ रहा था.

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लियाकत के परिजनों ने स्पेशल सेल की कहानी को पूरी तरह गलत बताया है. परिजनों के मुताबिक, लियाकत ने सरेंडर करने का फॉर्म भरा था. जम्‍मू-कश्‍मीर के कुपवाड़ा के डिप्टी कमिश्नर ने भी कहा कि सईद लियाकत अली शाह सरेंडर करने आ रहा था. इस बारे में कागजी कार्रवाई पूरी हो चुकी थी.

आतंकवादी सईद लियाकत अली शाह के परिवार का यह भी दावा है कि एलओसी पार करने की इजाजत न मिलने से ही वह नेपाल-गोरखपुर बॉर्डर से आ रहा था. परिवार का दावा है कि रूट के बारे में सुरक्षा एजेंसियों को जानकारी थी.

गौरतलब है कि आतंकी लियाकत शाह पर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने होली पर ब्लास्ट की साजिश रचने के आरोप लगाए थे. उसकी निशानदेही पर जामा मस्जिद इलाके के गेस्ट हाउस से एक-56, ग्रेनेड और विस्‍फोटक जब्‍त किए थे. इसके बाद देश की राजधानी में सुरक्षा को लेकर बड़ी आशंका पैदा हो गई थी.

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दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने आतंकवादी लियाकत अली शाह को पकड़ने का दावा किया था. उसे नेपाल बॉर्डर की सोनौली चेकपोस्ट पर गिरफ्तार दिखाया गया था.

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