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कन्हैया ने नहीं लगाए 'देशद्रोही' नारे, जानें चार्जशीट में और क्या खास?

जिस वक्त ये बवाल खड़ा हुआ, जेएनयू के छात्र नेता पर देशविरोधी नारेबाजी का आरोप लगाया गया. लेकिन जांच में इस बात का कोई सबूत नहीं मिला. हालांकि सूत्र मानते हैं कि कन्हैया ने विवादित कार्यक्रम को होने से नहीं रोका. दिल्ली पुलिस उनके खिलाफ केस चलाने का फैसला अदालत पर छोड़ सकती है.

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कन्हैया के खिलाफ देशद्रोही नारेबाजी का सबूत नहीं: दिल्ली पुलिस
कन्हैया के खिलाफ देशद्रोही नारेबाजी का सबूत नहीं: दिल्ली पुलिस

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एक ओर दिल्ली यूनिवर्सिटी राष्ट्रवाद पर दंगल का अखाड़ा बनी है, वहीं पिछले साल जेएनयू में राष्ट्रविरोधी नारेबाजी पर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने चार्जशीट तैयार कर ली है. आजतक के सूत्रों का दावा है कि चार्जशीट फिलहाल दिल्ली के पुलिस कमिश्नर को सौंपी गई है. कानूनी सलाह के बाद उसे दायर करने पर फैसला लिया जाएगा.

चार्जशीट में क्या है?
-जिस वक्त ये बवाल खड़ा हुआ, जेएनयू के छात्र नेता पर देशविरोधी नारेबाजी का आरोप लगाया गया. लेकिन जांच में इस बात का कोई सबूत नहीं मिला. हालांकि सूत्र मानते हैं कि कन्हैया ने विवादित कार्यक्रम को होने से नहीं रोका. दिल्ली पुलिस उनके खिलाफ केस चलाने का फैसला अदालत पर छोड़ सकती है.

-चार्जशीट के मुताबिक एक राष्ट्रीय चैनल पर दिखाया गया नारेबाजी का वीडियो फर्जी नहीं था. सीएफएसएल की रिपोर्ट में इस बात की तस्दीक हुई है. इस धुंधले वीडियो में कुछ छात्र नारे लगा रहे हैं और सुरक्षा गार्ड विरोधी गुट को टकराव से रोक रहे हैं. हालांकि मामले में जारी हुए एक और वीडियो में कन्हैया कुमार को देशविरोधी नारेबाजी करते हुए दिखाया गया था. लेकिन ये वीडियो फर्जी निकला था लिहाजा इसे जांच में शामिल नहीं किया गया.

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-चार्जशीट में अनिर्बान और उमर खालिद पर देशद्रोह की धाराएं लगाई गई हैं.

-चार्जशीट में नारेबाजी करते हुए कुल 9 लोगों की शिनाख्त की गई है. ये सभी कश्मीरी हैं. पुलिस को शक है कि इनमें से कुछ नौकरीशुदा हैं और कुछ दूसरे विश्वविद्यालयों में पढ़ते हैं.

-जांच में जेएनयू प्रशासन और एबीवीपी छात्रों के अलावा डेमोक्रेटिक स्टुडेंट्स यूनियन और सुरक्षा गार्ड्स को गवाह बनाया गया है. साथ ही कार्यक्रम की आयोजन समिति के सदस्यों के भी बयान लिए गए हैं.

खबरों का खंडन
दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता दीपेंद्र पाठक ने चार्जशीट को लेकर चल रही खबरों को कयास कहकर खारिज किया है. उनका कहना था कि अनुमान के आधार पर खबरें चलाना गलत है. अभी इस मामले की जांच चल रही है और अभी किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सकता.

वहीं, उमर खालिद ने भी कहा है कि उन्हें पुलिस से चार्जशीट के बारे में कोई इत्तला नहीं मिली है. उनका कहना था कि अगर उन्हें ऐसी रिपोर्ट मिलती है तो वो कोर्ट में जवाब देंगे.

 

क्या था मामला?
जेएनयू में पिछले साल 9 फरवरी को अफजल गुरु और मकबूल भट्ट की बरसी पर कार्यक्रम आयोजित किया गया था. कार्यक्रम के दौरान देशविरोधी नारेबाजी का वीडियो मीडिया में आने के बाद देशभर में राष्ट्रवाद पर बहस छिड़ गई थी. दिल्ली पुलिस ने कन्हैया कुमार के अलावा अनिर्बान और उमर खालिद पर भी देशद्रोह की धाराएं लगाई थीं. फिलहाल ये तीनों जमानत पर रिहा हैं.

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