दिल्ली पुलिस के धरने पर बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने बड़ा बयान दिया है. बार काउंसिल के अध्यक्ष मनन मिश्रा ने कहा कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में कल काला दिन था.
दिल्ली पुलिस की अनियंत्रित भीड़, विरोध प्रदर्शनों और गालियों पर मीडिया रिपोर्टों को हमने देखा है. हमें यह राजनीति से प्रेरित कदम लग रहा था और यह बहुत दुखद है. इस बीच आज दिल्ली की कई अदालतों में प्रदर्शन चल रहा है. वकीलों के प्रर्दशन के बाद रोहिणी, साकेत और पटियाला हाउस कोर्ट में कामकाज करीब-करीब ठप है.
बार काउंसिल ने मांग की है कि दोषी पुलिस अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर गिरफ्तार किया जाए. हमारा विरोध इस बात को लेकर है कि उन्हें गिरफ्तार किया जाए, साथ ही उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए. बार इस वक्त अपने सदस्यों के साथ है.
Bar Council of India: Our demand is to arrest the guilty police officials within a period of 1 week, failing which we shall resort to peaceful 'dharnas' for the arrest of these people and for proper disciplinary action against them. The Bar stands united. https://t.co/cW5swALxHd
— ANI (@ANI) November 6, 2019
देश की राजधानी दिल्ली में काले कोट बनाम खाकी की लड़ाई पिछले चार दिन से जारी है. शनिवार को तीस हजारी कोर्ट में वकीलों और पुलिसकर्मियों के बीच भिड़ंत हुई तो मंगलवार को दिल्ली पुलिस के जवान इंसाफ मांगने के लिए सड़क पर उतर आए.
अब आज इस मामले की दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है , इस मामले में अदालत ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया को नोटिस जारी किया था. इसी बीच रोहिणी कोर्ट में एक बिल्डिंग पर वकील कूदने के लिए चढ़ गया था. उससे पहले एक वकील ने आत्मदाह की कोशिश की थी.