scorecardresearch
 

महाराष्ट्र-झारखंड के बाद अब दिल्ली, विपक्ष को गोलबंदी का एक और मौका

दिल्ली से पहले झारखंड विधानसभा चुनाव में भी भारतीय जनता पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा था. झारखंड में बीजेपी को सिर्फ 25 सीटें मिली थीं. बीजेपी 81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा चुनाव में 41 सीटों के जादुई आंकड़े तक नहीं पहुंच पाई. इसके साथ ही बीजेपी ने झारखंड की सत्ता गंवा दी थी.

Advertisement
X
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह (फाइल फोटो-पीटीआई)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह (फाइल फोटो-पीटीआई)

Advertisement

  • महाराष्ट्र में शिवसेना ने कांग्रेस-NCP के साथ मिलकर BJP को किया सत्ता से बाहर
  • झारखंड विधानसभा चुनाव में हार के बाद भारतीय जनता पार्टी की सत्ता से हुई विदाई

महाराष्ट्र और झारखंड के बाद दिल्ली में भी विपक्ष को मोदी सरकार की गोलबंदी करने का मौका मिल गया है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) दिल्ली की सत्ता के 21 साल के वनवास को खत्म नहीं कर पाई. आलम यह रहा कि दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी दूसरी बार भी दो डिजिट सीट नहीं जीत पाई. मंगलवार को जब चुनाव के नतीजे आए, तो बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा और आम आदमी पार्टी ने प्रचंड बहुमत हासिल किया. इस चुनाव में आम आदमी पार्टी को दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से 62 सीटों पर जीत मिली, जबकि भारतीय जनता पार्टी को सिर्फ 8 सीटों से संतोष करना पड़ा.

Advertisement

इतना ही नहीं, कांग्रेस पार्टी का हाल तो यह रहा कि दूसरी बार भी उसका दिल्ली में खाता नहीं खुला. अब अरविंद केजरीवाल बड़ी जीत के साथ लगातार तीसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं. इस चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पूर्व मुख्यमंत्रियों और केंद्रीय मंत्रियों ने बीजेपी के लिए जोरशोर से प्रचार किया. हालांकि इन सबके बावजूद दिल्ली की सियासी जंग में हार का मुंह देखना पड़ा.

इससे पहले झारखंड और महाराष्ट्र की सत्ता से बीजेपी को हाथ धोना पड़ा था. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने शिवसेना के साथ मिलकर चुनाव लड़ा. इस चुनाव में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को जनादेश भी मिला, लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर दोनों दलों के बीच दरार आ गई. इसके बाद शिवसेना ने बीजेपी से नाता तोड़ लिया और कांग्रेस व एनसीपी के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बना ली. शिवसेना के साथ विपक्ष एकजुट हो गया और विपक्ष को गोलबंदी का मौका मिल गया.

यह भी पढ़ें: दिल्ली में केजरीवाल की हैट्रिक, 70 में से 62 सीट पर लहराया जीत का परचम

शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी गठबंधन सरकार के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे बने. फिलहाल महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी गठबंधन की सरकार है, जबकि बीजेपी सत्ता से बाहर है. उद्धव ठाकरे से पहले बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और एनसीपी नेता अजित पवार को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई.

Advertisement

इसके बाद शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और विधानसभा में बहुमत साबित करने का आदेश देने की मांग की. महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत नहीं होने पर देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री और अजित पवार को उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना था. महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 105 सीटों, शिवसेना को 56 सीटों, कांग्रेस को 44 और एनसीपी को 54 सीटों पर जीत मिली.

यह भी पढ़ें: जानें दिल्ली की 12 VIP सीटों का हाल

महाराष्ट्र के बाद झारखंड के विधानसभा चुनाव हुए और भारतीय जनता पार्टी को हार का सामना करना पड़ा. झारखंड में बीजेपी को सिर्फ 25 सीटें मिली थी. बीजेपी 81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा चुनाव में 41 सीटों के जादुई आंकड़े तक नहीं पहुंच पाई. इसके साथ ही भारतीय जनता पार्टी की झारखंड की सत्ता से विदाई हो गई. इस चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा को 30 सीटों, कांग्रेस की 16 सीटों और आरजेडी को एक सीट पर फतह मिली. इसके बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और आरजेडी ने मिलकर सूबे में सरकार बना ली. इस चुनाव बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास अपनी जमशेदपुर पूर्व सीट भी नहीं बचा पाए.

Advertisement
Advertisement