दिल्ली के शाहीन बाग में पिछले 70 दिन से नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन चल रहा है. प्रदर्शनकारी सरकार से सीएए हटाने की मांग कर रहे हैं. प्रदर्शन के चलते दिल्ली और नोएडा को जोड़ने वाली सड़क बंद है. इस कारण स्कूली बच्चों और आमजन को काफी परेशानी हो रही है. शाहीन बाग में चल रहे इस विरोध प्रदर्शन के खिलाफ और सड़क खुलवाने की मांग को लेकर रविवार को कुछ लोग धरने पर बैठ गए. सरिता विहार और जसोला के निवासी उस धरना स्थल के ठीक सामने बैठे हैं जहां कई दिनों से सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन चल रहा है.
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दूसरी ओर रविवार को जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे भी महिलाओं ने सीएए के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन करना शुरू कर दिया. इसकी वजह से जाफराबाद मेट्रो स्टेशन पर एक तरफ की सड़क बंद है, तो वही मेट्रो स्टेशन पर न तो मेट्रो रुक रही है और न ही लोगों को अंदर और बाहर जाने दिया जा रहा है. शनिवार देर रात करीबन 200 से 300 महिलाओं ने आकर मेट्रो के नीचे प्रदर्शन करना शुरू कर दिया था, जिसके बाद वहां बड़ी संख्या में पुलिस के जवान और अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया. महिला प्रदर्शनकारियों को देखते हुए महिला जवानों को भी तैनात किया गया है.
Delhi: Residents of Sarita Vihar and Jasola hold protest against the anti-CAA protests in #ShaheenBagh. The residents are demanding the opening of all the roads that have been closed due to protests in Shaheen Bagh. pic.twitter.com/FKS82J6Cs4
— ANI (@ANI) February 23, 2020
इसी मामले में रविवार को वजाहत हबीबुल्ला ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया. हलफनामे में कहा गया है कि प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा है. हलफनामे में कहा गया है कि पुलिस ने 5 जगहों पर रोड ब्लॉक किया है. अगर ब्लॉकिंग रोक दी जाती तो ट्रैफिक सामान्य तरीके से चलने लगता. हलफनामे में कहा गया है कि पुलिस ने बेवजह रास्ता बंद किया, जिसकी वजह से लोगों को परेशानी हुई.
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बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने वजाहत हबीबुल्ला से प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने और रिपोर्ट देने के लिए कहा था. जबकि कोर्ट ने संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन को वार्ताकार बनाकर शाहीन बाग भेजा था. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद वजाहत हबीबुल्ला प्रदर्शन स्थल पर गए और उन्होंने हलफनामा दायर किया है.