दिल्ली पुलिस ने भाई.बहन की हत्या मामले को उनके 22 वर्षीय एक नजदीकी रिश्तेदार और उसके दो मित्रों को गिरफ्तार करके सुलझाने का रविवार को दावा किया जिन्होंने अपनी नजरें उस 30 लाख रुपये पर गड़ाई थीं जो पीड़ितों के परिवार को एक सम्पत्ति के सौदे से मिली थी.
मनसीज (7 वर्ष) और उसकी बहन याश्बी (5 वर्ष) के शव शनिवार सुबह प्रगति मैदान के पास पाये गए. दोनों का दिल्ली के मंडावली क्षेत्र स्थित उनके विद्यालय से कुछ दिन पहले अपहरण कर लिया गया था.
गिरोह ने भाई बहन का उससे पहले गत 23 फरवरी को भी अपहरण करने का प्रयास किया था लेकिन वे ऐसा नहीं कर पाये क्योंकि दोनों उस दिन विद्यालय नहीं गए थे. उन्होंने अपहरण का षड्यंत्र इतना सटीक तरह से रचा था कि उन्होंने पीड़ितों के घर का दरवाजा बंद कर दिया था ताकि उनकी मां उन्हें विद्यालय से ले आने नहीं जा पाये.
अपहरणकर्ताओं ने बच्चों की उसी दिन गला दबाकर हत्या कर दी जिस दिन उन्होंने उनका अपहरण किया था. अपहरणकर्ताओं ने उसके बाद उनके सिर पत्थर से कुचल दिये.