अमूमन ठंड आने के साथ ही डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया के मामलों में कमी देखी जाती है लेकिन इस साल देश की राजधानी दिल्ली में मलेरिया जाते-जाते कई घरों को गहरा और कभी न भरने वाला जख्म दे गया है. एमसीडी से मिले आंकड़ों के मुताबिक बीते एक हफ्ते में दिल्ली के अलग-अलग अस्पतालों में 10 लोगों की मलेरिया से मौत हो चुकी है.
एमसीडी ने जो आंकड़े जारी किए हैं उसके मुताबिक साल 2016 में दिल्ली के अस्पतालों में भर्ती मलेरिया के मरीजों में से 16 की मौत हो चुकी है. हालांकि इनमें से ज्यादातर मौतें दिल्ली के बाहर के राज्यों में रहने वाले लोगों की हैं, जो दिल्ली के अस्पतालों में भर्ती थे. एमसीडी के मुताबिक 16 मृतकों में से सबसे ज्यादा 5 मरीज यूपी से हैं. इसके बाद 4 मृतक हरियाणा से हैं तो वहीं 2 मृतक अन्य राज्यों से हैं. दिल्ली में रहने वाले 5 मरीज इस साल मलेरिया के शिकार बने हैं. साउथ और ईस्ट एमसीडी के इलाकों में रहने वाले 2-2 लोगों की मौत मलेरिया से हुई तो वहीं नॉर्थ एमसीडी के अंतर्गत मलेरिया से 1 शख्स की इस साल मौत हुई है.
हैरानी की बात ये है कि बारिश जब शुरू हुई यानी जब से मलेरिया के आंकड़े बढ़ना शुरू हुए तब से लेकर नवंबर के अंत तक मलेरिया से महज 6 लोगों की मौत हुई थी लेकिन एक ही हफ्ते में आंकड़ा 16 तक पहुंच गया यानी कुल 16 मौतें. आपको बता दें कि एमसीडी हर हफ्ते डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया के आंकड़ें जारी करती है और उससे ये साफ है कि मलेरिया के मरीज पिछले पांच साल में सबसे कम हैं लेकिन मलेरिया से होने वाली मौतें पिछले 5 साल में सबसे ज्यादा है और इसी ने एमसीडी अधिकारियों को हैरानी में डाल दिया है. हालांकि सभी मौतों को मलेरिया सस्पेक्टेड डेथ बताया गया गया है.
चिकनगुनिया ने भी तोड़ा रिकॉर्ड
2016 में मलेरिया से जहां 16 लोगों की मौत हुई है तो वहीं चिकनगुनिया ने भी बीते 10 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. एमसीडी ने साल 1996 से डेंगू और चिकनगुनिया के आंकड़े जारी करने शुरू किए थे और तब से लेकर अबतक चिकनगुनिया के इतने मामले नहीं दर्ज किए गए था. साल 2016 में दिल्ली में चिकनगुनिया के 12,068 मामले रिपोर्ट किए गए, जिनमें से 9,633 मामले कन्फर्म पाए गए. एमसीडी प्रवक्ता योगेंद्र सिंह मान के मुताबिक दिल्ली में चिकनगुनिया के इतने मामले कभी नहीं सामने आए. वहीं एमसीडी के मुताबिक इस साल चिकनगुनिया से किसी की मौत नहीं हुई है. पिछले एक हफ्ते में ही चिकनगुनिया के 108 मामले सामने आ चुके हैं.