24 घंटे के अंदर राजधानी दिल्ली में एक और मेट्रो हादसा हुआ है. ये घटना भी जमरुदपुर में ही हुआ है, जहां रविवार सुबह मेट्रो का एक पीलर गिर जाने के कारण 6 लोगों की मौत हो गई थी.
घटनास्थल पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार जैसे ही यह लॉन्चर गिरा वहां अफरातफरी मच गई. इस दौरान राहत और बचाव कार्य भी बाधित हो गया. सूत्रों के अनुसार पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी गई है. साथ ही घटनास्थल पर एंबुलेंस को भी बुला लिया गया है. वहीं डीएमआरसी के प्रवक्ता अनुज दयाल ने कहा है कि इस हादसे में किसी के भी घायल होने की खबर नहीं है.
शहादरा तीस हजारी लाईन से हुई शुरुआत
नई दिल्ली मेट्रो भारत में दिल्ली की मेट्रो रेल परिवहन व्यवस्था है जो दिल्ली मेट्रो रेल निगम लिमिटेड द्वारा संचालित है. इसकी शुरुआत 24 दिसंबर, 2002 को शहादरा तीस हजारी लाईन से हुई. इस परिवहन व्यवस्था की अधिकतम गति 80किमी/घंटा (50मील/घंटा) रखी गयी है और यह हर स्टेशन पर लगभग 20 सेकेंड रुकती है. सभी ट्रेनों का निर्माण दक्षिण कोरिया की कंपनी रोटेम द्वारा किया गया है.
शुरुआती दौर में ही आईएसओ का प्रमाणपत्र हासिल
दिल्ली मेट्रो रेल व्यव्स्था अपने शुरुआती दौर से ही आईएसओ 14001 प्रमाणपत्र हासिल करने में सफल रही है जो सुरक्षा और पर्यावरण की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है. इस रेल व्यवस्था के फेज 1 में मार्ग की कुल लंबाई लगभग 65.11 किमी है जिसमे 13 किमी भूमिगत एवं 52 किलोमीटर एलीवेटेड मार्ग है. फेज 2 के अंतर्गत पूरे मार्ग की लंबाई 128 किमी होगी एवं इसमें 79 स्टेशन होंगे जो अभी निर्माणाधीन हैं, इस चरण के 2010 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. फेज 3 (112 किमी) एवं 4 (108.5 किमी) लंबाई की बनाये जाने का प्रस्ताव है जिसे क्रमश: 2015 एवं 2020 तक पूरा किये जाने की योजना है.
दिल्ली के उपनगरों तक ले जाने की योजना
इन चारों चरणो का निर्माण कार्य पूरा हो जाने के पश्चात दिल्ली मेट्रो के मार्ग की कुल लंबाई 413.8 किलोमीटर की हो जाएगी जो लंदन के मेट्रो रेल (408 किमी) से भी बड़ा बना देगी. दिल्ली के 2021 मास्टर प्लान के अनुसार बाद में मेट्रो रेल को दिल्ली के उपनगरों तक ले जाए जाने की भी योजना है.