scorecardresearch
 

बेटी की शादी के लिए निर्भया के दोषियों को फांसी पर लटकाने को बेताब हैं पवन जल्लाद

पवन जल्लाद ने कहा कि अब तो 22 जनवरी 2020 का इंतजार है, ताकि मैं तिहाड़ जेल जाकर उन चारों को लटका कर अपना एक लाख मेहनताना तिहाड़ जेल अफसरों से ले सकूं.

Advertisement
X
पवन जल्लाद (फाइल फोटो)
पवन जल्लाद (फाइल फोटो)

Advertisement

  • 22 जनवरी सुबह 7 बजे चारों दोषियों की दी जाएगी फांसी
  • फांसी के एवज में एक लाख रुपए मिलने की आस में पवन

निर्भया गैंगरेप के दोषियों को 22 जनवरी, सुबह 7 बजे फांसी पर लटकाया जाएगा. दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत ने निर्भया के कातिलों को एक साथ फांसी पर टांगने का 'डेथ-वारंट' (सजा-ए-मौत का फरमान) जारी किया है. इसे लेकर मेरठ शहर में रहने वाले पवन जल्लाद की खुशी का ठिकाना नहीं है.

आसमान की ओर दोनों हाथ जोड़कर पवन जल्लाद ईश्वर के साथ-साथ, तिहाड़ जेल प्रशासन और उत्तर प्रदेश जेल महानिदेशालय का बार-बार शुक्रिया अदा करते हैं, क्योंकि निर्भया के कातिलों को फांसी पर लटकाने की एवज में उन्हें  एक लाख रुपये जैसी 'मोटी पगार' (मेहनताना) जिंदगी में पहली बार देखने को मिलेगी. मेहनताने में हासिल इस रकम से पवन जल्लाद अपनी बेटी की शादी करेंगे.

Advertisement

पवन जल्लाद ने कहा, 'इस वक्त मैं 57 साल का हो चुका हूं. मैंने अपने जीवन में इससे पहले कभी, इतनी बड़ी रकम फांसी के बदले मेहनताने के रूप में मिलती हुई न देखी न सुनी. कहने को भले ही मैं देश में खानदानी जल्लाद क्यों न होऊं.

हमारे पुरखे सब्र कर लेते थे...

पवन ने कहा, 'मेरे परदादा लक्ष्मन जल्लाद थे. दादा कालू राम उर्फ कल्लू और पिता मम्मू भी पुश्तैनी जल्लाद थे. दादा ने रंगा-बिल्ला से लेकर इंदिरा गांधी के हत्यारे सतवंत सिंह, केहर सिंह तक को इसी तिहाड़ जेल में फांसी पर लटकाया था. मगर वो जमाना औने-पौने मेहनताने का था. आने-जाने का खर्चा और जेल में एक दो रात अच्छे से रहने के इंतजाम से ही हमारे पुरखे सब्र कर लेते थे. आज महंगाई का जमाना है. पहले गरीब आदमी रोटी-नमक खाकर जिंदगी बसर कर लेता था. आज प्याज देश में 150 रुपये किलो बिक रहा है.'

अलर्ट रहने का मिला निर्देश...

निर्भया के हत्यारों को फांसी पर चढ़ाने को लेकर देश में और भी मौजूद एक-दो जल्लादों में से कोई इतना बे-सब्र या बेताब नहीं है, जितने आप? इस सवाल के जवाब में पवन जल्लाद ने बेबाकी से कहा, 'पांच बेटियां और दो बेटे मतलब 7 संतान जिस पिता के सहारे हो, इस महंगाई के जमाने में, सोचिए उसकी जरूरतों का आलम क्या होगा?' पवन जल्लाद ने कहा 'इन चारों को फांसी पर लटकाने की एवज में एक लाख रुपये एक साथ हाथ में आने की उम्मीद बंधी है, जैसा मीडिया में सुन रहा हूं. यूपी जेल महकमे ने भी मुझे अलर्ट पर रहने और जिला न छोड़ने को कहा है.

Advertisement

तीन बेटियों की कर चुके हैं शादी...

आगे पवन ने कहा 'इन रुपयों से बेटी की शादी करूंगा. कुछ और जरूरत हुई पैसों की तो जैसे बाकी तीन बेटियों की शादी के लिए उधार लिया था, वैसे इसके लिए भी आपसदारी में कुछ लोगों से ले लूंगा. ये तो भगवान का शुक्रिया है कि दिल्ली की अदालत ने इन चारों को (निर्भया के हत्यारे) फांसी पर लटकाने का हुक्म सुना दिया, वरना जिंदगी अब बेजार सी लगने लगी है.'

मलबे में दब गई थी पत्नी...

पवन जल्लाद ने दिल में छिपे दर्द को बेबाकी से बयान करने में कोई संकोच नहीं किया. आगे बोले, 'कई साल पहले भूमिया पुल (मेरठ) इलाके में पुश्तैनी मकान था, वो बारिश में ढह गया. उस दिन पत्नी मकान के मलबे में दब गई. बड़ी कोशिशों से उसे ढहे मकान के मलबे से निकाला गया, तभी से मैं अब मेरठ जिला प्रशासन से कांशीराम आवास योजना के तहत मिले एक छोटे से मकान में जिंदगी के दिन-रात जैसे-तैसे काट रहा हूं. तीन बड़ी बेटियों की शादी को उधार लिए 5-6 लाख रुपये अभी तक नहीं निपटे. नकद पर ब्याज और चढ़ता जा रहा है.'

अब सिर्फ अफसरों से उम्मीद...

पवन जल्लाद ने कहा 'अब तो साहब बस 22 जनवरी 2020 का इंतजार है, ताकि मैं तिहाड़ जेल जाकर उन चारों को लटका कर अपना एक लाख मेहनताना तिहाड़ जेल के अफसरों से ले सकूं.' पवन के मुताबिक, 'मुझे यूपी जेल विभाग से हर महीने 5 हजार रुपये मिलते हैं, जहां प्याज 150 रुपये किलो मिल रहा हो वहां सोचिए 8-9 लोगों के परिवार को क्या 5 हजार में सुबह-शाम की रोटी तक नसीब हो पाती होगी. कोई पुश्तैनी जमीन-जायदाद बाप-दादों के पास थी नहीं, जिसके सहारे बुढ़ापा कट जाए. अब सिर्फ कुछ उम्मीदें हैं तो निर्भया के हत्यारों की फांसी, तिहाड़ और यूपी जेल के अफसरों से.'

Advertisement
Advertisement