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डीजल की कीमतों से गुस्से में ट्रांसपोर्टर, 20 जुलाई से करेंगे चक्का जाम

ट्रांसपोर्टर कहते हैं कि पहले जहां एक ट्रक से महीने में 50,000 तक आमदनी होती थी, आज आमदनी 5000 बच गई है. ऐसे में गाड़ी की किश्त और ड्राइवर का खर्चा भी पूरा नहीं हो पा रहा है. प्रॉफिट की बात तो छोड़ ही दीजिए.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

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तेल की मार से दिल्ली का ट्रांसपोर्ट ठप पड़ा है. संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर में हजारों ट्रक खाली खड़े हैं. वही ट्रांसपोर्टर का दावा है कि उन्हें रोजाना करोड़ों का घाटा उठाना पड़ रहा है.

डीजल की बढ़ी कीमतों के मद्देनजर दिल्ली में ट्रांसपोर्ट बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है. एशिया का सबसे बड़ा ट्रांसपोर्ट हब माने जाने वाला संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर पूरी तरह से उजड़ा हुआ है. कभी यहां से हजारों ट्रकों की आवाजाही होती थी आज यहां पर हजारों ट्रक खड़े हैं.

दरअसल इसके पीछे की वजह ट्रांसपोर्टर बताते हैं कि दिल्ली में इस वक्त डीजल अपने उच्चतम स्तर तक पहुंच गया है तो दूसरी तरफ जीएसटी की वजह से अब तक मांग बराबर स्थिति तक नहीं पहुंच पाई है. ऐसे में रोजाना करोड़ों का नुकसान हो रहा है.

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ट्रांसपोर्टर कहते हैं कि पहले जहां एक ट्रक से महीने में 50,000 तक आमदनी होती थी, आज आमदनी 5000 बच गई है. ऐसे में गाड़ी की किश्त और ड्राइवर का खर्चा भी पूरा नहीं हो पा रहा है. प्रॉफिट की बात तो छोड़ ही दीजिए.

ट्रांसपोर्ट फेडरेशन ऑफ इंडिया और ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस अब पूरे देश में 20 जुलाई को एक साथ चक्का जाम करने जा रही है. इनका कहना है कि देशभर से लाखों ट्रक एक साथ रुक जाएंगे और हर तरह की जरूरत के सामान भी रोक दिए जाएंगे.

लेकिन इसका सीधा असर महंगाई पर भी पड़ने वाला है. माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में ट्रांसपोर्ट की हड़ताल से महंगाई भी तेजी से बढ़ जाएगी. ट्रांसपोर्ट फेडरेशन ऑफ इंडिया के अजय मैनी कहते हैं की 20 जुलाई को देशभर के सड़कों पर ट्रक खड़े हो जाएंगे. ऐसे में आगे के लिए सरकार जिम्मेदार होगी.

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