दिल्ली सरकार के वन विभाग ने एनबीसीसी प्रोजेक्ट के लिए काटे जाने वाले 17000 पेड़ों को लेकर स्टेटस रिपोर्ट तैयार कर ली है. इस रिपोर्ट में साउथ दिल्ली के उन इलाकों का जिक्र है जहां पेड़ काटने की अनुमति दी गई या नहीं दी गई है.
'आजतक' के पास मौजूद स्टेटस रिपोर्ट के एक्सक्लूसिव आंकड़े मौजूद हैं. स्टेटस रिपोर्ट के मुताबिक वो इलाके जिन्हें अनुमति दी गई:-
1. नौरोजी नगर में 1454 पेड़ काटने की अनुमति दी गई थी, लेकिन यहां 1302 पेड़ ही काटे गए. अनुमति का नोटिफिकेशन 15 नवंबर 2017 को जारी किया गया था.
2. नेताजी नगर में कुल 2294 हरे पेड़ काटने की अनुमति दी गई थी. अनुमति के मुताबिक इसके पहले फेज़ में 856 पेड़ काटे जाने थे लेकिन सिर्फ 202 पेड़ ही काटे गए. अनुमति का नोटिफिकेशन 23 अप्रेल 2018 को जारी किया गया था.
3. किदवई नगर में पेड़ काटने की अनुमति का नोटिफिकेशन 2014 में ही जारी कर दिया गया था. स्टेटस रिपोर्ट के मुताबिक यहां अनुमति के बाद 1123 पेड़ काटे गए हैं.
स्टेटस रिपोर्ट के मुताबिक वो इलाके जिन्हें अनुमति नहीं दी गई:-
1. मोहम्मदपुर में 447 पेड़ काटने का प्रस्ताव मिला था, लेकिन पर्यावरण और वन विभाग के मंत्री ने काटे जाने वाले पेड़ों की संख्या कम करने की बात लिखकर फाइल लौटा दी थी. स्टेटस रिपोर्ट के मुताबिक मोहम्मदपुर में अबतक पेड़ काटने की अनुमति नहीं दी गई है. साथ ही अवैध तरीके से पेड़ काटने की कोई जानकारी नहीं मिली.
2. त्यागराज नगर में 100 पेड़ काटने के लिए उच्च विभाग को फाइल भेजी गई है. फ़िलहाल यहां पेड़ काटने की अनुमति नहीं दी गई है.
3. सरोजनी नगर में 11000 पेड़ काटने का प्रस्ताव दिया गया था, लेकिन संख्या काफी ज्यादा होने की वजह से फाइल लौटा दी गई थी. इसके बाद 606 पेड़ काटने का प्रस्ताव दोबारा भेजा गया, लेकिन यह फ़ाइल भी लौटा दी गई.
4. इसके अलावा कस्तूरबा नगर और श्रीनिवासपुरी जैसे इलाकों में पेड़ काटने के लिए अबतक कोई प्रस्ताव नहीं भेजा गया.
स्टेटस रिपोर्ट बताती है कि लगभग 17000 पेड़ काटने का प्रस्ताव था. इसमें अबतक कुल 4871 पेड़ों को काटने की अनुमति दी गई, लेकिन 2627 पेड़ ही काटे गए. हालांकि स्टेटस रिपोर्ट से जुड़ी कई अहम जानकारी अब भी सामने आना बाकी है.
इस बीच नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन (NBCC)सोमवार को मीडिया से मुखातिब होकर अबतक उठ रहे सवालों के जवाब दे सकता है. उधर दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन ने 'आजतक' से खास बातचीत में दावा किया है कि उन्होंने आगे वन विभाग को एक भी पेड़ न काटने का आदेश दिया है. साथ ही पूरे मामले में अगर गलती पाई गई तो अधिकारियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी.
मंत्री इमरान हुसैन ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि भारत सरकार का विकास मंत्रालय सिर्फ NBCC को फायदा पहुंचा रहा है, जबकि सरकारी अफसरों और मंत्रियों के लिए दिल्ली के बाहर भी मकान बनाए जा सकते थे और पेड़ों को कटने से बचाया जा सकता है. हुसैन ने बताया कि पेड़ काटने की फाइल पर उन्होंने आपत्ति जताई थी और आगे पेड़ न काटने के आदेश वन विभाग को दिए हैं.
आपको बता दें कि एनबीसीसी साउथ दिल्ली के इलाकों में पुरानी इमारतों को तोड़कर बड़ी बहुमंजिला इमारतें बना रही है और उसी के लिए इन पेड़ों को काटा जा रहा है. सरोजिनी नगर के अलावा कस्तूरबा नगर, नैरोजी नगर, नेताजी नगर, त्याग राज नगर और मोहम्मद पुर शामिल है.