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फिर विवादों में पीएम मोदी की डिग्री, प्राइवेसी का मामला बताकर डीयू ने नहीं दिया RTI का जवाब

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री का मामला एक बार फिर से गरमा गया है. दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट के एक वकील ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से आरटीआई के जरिए पीएम मोदी की डिग्री की जानकारी मांगी थी. यूनिवर्सिटी ने जानकारी देने से इनकार कर दिया.

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पीएम मोदी की डिग्री पर डीयू ने दिया प्राइवेसी का हवाला
पीएम मोदी की डिग्री पर डीयू ने दिया प्राइवेसी का हवाला

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री का मामला एक बार फिर से गरमा गया है. दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट के एक वकील ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से आरटीआई के जरिए पीएम मोदी की डिग्री की जानकारी मांगी थी. यूनिवर्सिटी ने जानकारी के जेने से इनकार कर दिया.

डीयू ने दूसरी बार खारिज की आरटीआई
आरटीआई लगाने वाले इरशाद नाम के वकील ने इस बारे में कहा कि मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री के लिए आरटीआई लगाई थी. पहली अर्जी तो पोस्टल ऑर्डर की कमी को लेकर रिजेक्ट कर दी गई थी. वहीं दूसरी बार में जवाब नहीं दिया गया है. हमें कहा गया है कि प्राइवेसी की नियमों के तहत जवाब नहीं दिया जा रहा है.

प्रधानमंत्री की डिग्री का अहम सवाल
उन्होंने कहा कि यह देश के प्रधानमंत्री की डिग्री का सवाल है. देश की जनता को जानना है कि प्रधानमंत्री की डिग्री क्या है. सीआईसी ने भी ऑर्डर किया है. हमने इनके एडमिशन लेते वक्त जो डॉक्यूमेंट जमा किए गए थे, उसकी डिटेल्स मांगी. फीस देते समय की रसीद मांगी. इनके हैंडराइटिंग से जुड़े कागज मांगे थे, लेकिन कोई भी जवाब नहीं दिया गया है.

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प्राइवेसी के नियमों के तहत नहीं मिला जवाब
इरशाद ने कहा कि जब दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की डिग्री पर जवाब मिल सकता है तो प्रधानमंत्री की डिग्री पर जवाब क्यों नहीं मिल रहा है. डीयू ने आरटीआई और केंद्र सरकार के नियमों का हवाला देते हुए मांगी गई जानकारी देने से मना किया है.

बीजेपी ने एक बार जवाब दे दिया है
दूसरी ओर बीजेपी के राज्यसभा सदस्य विजय गोयल ने इस बारे में कहा कि कुछ लोगों के पास कोई काम नहीं है. वह बार-बार पीएम की डिग्री मांगने लगते हैं. जब एक बार जवाब दे दिया गया है. तो इस बात से आगे बढ़ जाना चाहिए. कुछ लोग केवल राजनीति की वजह से यह सब कर रहे हैं. प्रधानमंत्री के कामों की चर्चा हर जगह है.

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