दिल्ली में हिंसा के बाद अब हालात थोड़े सामान्य होने लगे हैं. इस बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने दिल्ली हिंसा को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है.
नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में हुई हिंसा को 'नरसंहार' करार देते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मामले पर बात करनी चाहिए और प्रभावित लोगों से मिलना चाहिए. उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी को हिला देने वाली घटनाओं पर एनडीए के अन्य नेताओं की चुप्पी पर भी सवाल उठाए.
ओवैसी ने कहा, 'मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछना चाहता हूं कि उन्होंने अपने सरकारी आवास से कुछ किलोमीटर दूर दिल्ली हिंसा पर एक शब्द क्यों नहीं बोला. हिंसा में 40 से अधिक लोगों ने अपनी जान गंवाई, प्रधानमंत्री मोदी को बोलना चाहिए.' ओवैसी ने हैदराबाद में एक सार्वजनिक बैठक में एक भाषण में कहा, 'इस मामले पर और हिंसा से प्रभावित शिव विहार का दौरा करें क्योंकि हिंसा में मारे गए सभी लोग भारतीय हैं.'
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ओवैसी ने कहा, 'मैं प्रधानमंत्री को बताना चाहता हूं कि यह हिंसा उनकी पार्टी के नेताओं के जरिए दिए गए बयानों के कारण हुई है. यह एक नरसंहार है. मैंने सोचा था कि प्रधानमंत्री ने 2002 में गुजरात में अपना सबक सीख लिया लेकिन एक नरसंहार दिल्ली में 2020 में भी हुआ.'
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उन्होंने दिल्ली हिंसा पर एनडीए के अन्य राजनीतिक नेताओं की चुप्पी पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा, 'मैं नीतीश कुमार, रामविलास पासवान और अकाली दल से पूछना चाहता हूं कि वे दिल्ली हिंसा पर शांत क्यों हैं. रामविलास पासवान ने 2002 में गुजरात दंगों के बाद केंद्रीय कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था. क्या अकाली दल 1984 को भूल गया है?'