दिल्ली में हुई हिंसा ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है और अब दुनियाभर में इसको लेकर चर्चा हो रही है. अमेरिकी आयोग की ओर से दिल्ली हिंसा पर जताई गई चिंता पर अब विदेश मंत्रालय ने जवाब दिया है. MEA का कहना है कि अमेरिकी विभाग के द्वारा जो रिपोर्ट्स जारी की गई हैं, वो गलत हैं. दिल्ली में कानून एजेंसियां हालात पर काबू पा चुकी हैं और खुद प्रधानमंत्री ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है.
अमेरिकी आयोग के आरोपों का जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय धार्मिक मामलों की अमेरिकी एजेंसी ने जो टिप्पणी की है, वो तथ्यों के हिसाब से पूरी तरह गलत हैं. इसका मकसद सिर्फ मुद्दे का राजनीतिकरण करना है. कानून एजेंसियां हिंसा को रोकने और हालात को ठीक करने में जुटी हुई हैं. सरकार के वरिष्ठ अधिकारी इस काम में जुटे हुए हैं.’
MEA: Law enforcement agencies are working to prevent violence & ensure restoration of normalcy. Senior Govt representatives have been involved in process. PM has publically appealed for peace&brotherhood. We would urge that irresponsible comments are not made at this time. (2/2) https://t.co/2jpnR0N2mW
— ANI (@ANI) February 27, 2020
विदेश मंत्रालय ने इस जवाब में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी लोगों से शांति की अपील की है, हम अपील करते हैं कि इस तरह के बयान ना दिए जाएं.
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क्या था अमेरिकी एजेंसी का कमेंट?
आपको बता दें कि अमेरिकी विभाग के द्वारा दिल्ली में हुई हिंसा पर बुधवार को ट्वीट किया गया था. इसमें कहा गया था कि दिल्ली में अल्पसंख्यकों पर खतरनाक भीड़ के हमले की रिपोर्टों से कमिशन चिंतित है और वह मोदी सरकार से अपील करती है कि भीड़ पर काबू करें और निशाना बनाए गए धार्मिक अल्पसंख्यक और अन्य की सुरक्षा सुनिश्चित हो.
गौरतलब है कि राजधानी दिल्ली में नागरिकता संशोधन एक्ट के नाम पर हिंसा हुई और ये हालात तब बेकाबू हुए जिस वक्त अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत दौरे पर ही थे. हालांकि, डोनाल्ड ट्रंप से जब प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवाल किया गया था तो उन्होंने इसपर किसी तरह का कमेंट करने से इनकार कर दिया था.