दिल्ली हिंसा मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में तीसरी याचिका भी दाखिल कर दी गई है. संजीव कुमार की ओर से दाखिल याचिका में दिल्ली में भड़की हिंसा की जांच NIA से कराने की मांग की गई है. याचिका में हर्ष मंदर, स्वरा भास्कर, अमानतुल्ला खान और RJ सायमा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है.
वहीं, दिल्ली में भड़की हिंसा को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में एक अन्य अर्जी महमूद पराचा ने दाखिल कर कहा है कि हिंसा में जितने लोगों की मौत हुई उनके शव इकट्ठा कर उनका अंतिम संस्कार करने की इजाजत दी जाए. दिल्ली हाईकोर्ट शुक्रवार को याचिका पर सुनवाई करेगा.
ओवैसी और वारिस पर FIR करने की मांग
वहीं, दिल्ली हाईकोर्ट में एक और अर्जी दायर हुई है जिसमें ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तहादुल मुस्लिमीन यानी AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी और वारिस पठान के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के मामले में एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है.
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दिल्ली हाईकोर्ट सभी अर्जियों पर शुक्रवार को सुनवाई करेगा, लेकिन अब बेंच में वो जज नहीं होंगे, जिन्होंने केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस की जमकर खबर ली थी. बता दें कि उस बेंच में जस्टिस मुरलीधर और जस्टिस तलवन्त सिंह थे. अब जस्टिस मुरलीधर का पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में तबादला हो गया है.
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सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने 12 फरवरी को जस्टिस मुरलीधर के ट्रांसफर की सिफारिश सरकार से की थी. 26 फरवरी को राष्ट्रपति ने तबादले की अधिसूचना जारी कर दी. जस्टिस मुरलीधर 2006 में दिल्ली हाईकोर्ट में जज नियुक्त किए गए थे. 2022 में उनको सेवानिवृत्त होना है.
दिल्ली के LG ने जारी किया आदेश
वहीं, दिल्ली हाईकोर्ट में बुधवार को दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा ने सलिस्टर जनरल तुषार मेहता की पेशी पर सवाल उठाते हुए कहा था कि चूंकि अभियोजन दिल्ली सरकार के पास है, इसलिए दिल्ली पुलिस की तरफ से बहस सलिस्टर जनरल तुषार मेहता नहीं कर सकते हैं. लिहाजा दिल्ली सरकार को ही अभियोजन यानी दिल्ली पुलिस का पक्ष रखने की इजाजत मिले. हालांकि, अब उपराज्यपाल ने SG और उनकी टीम को ही पैरवी करने को कहा है.