दिल्ली पुलिस के डीसीपी लीगल सेल ने एक्टिविस्ट हर्ष मंदर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर दिया है. दिल्ली पुलिस ने मंदर पर सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का आरोप लगाया है. हलफनामे में कहा गया है कि हर्ष मंदर ने सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ बयानबाजी की है, जो कोर्ट की अवमानना है.
पुलिस ने अपील की कि भड़काऊ भाषण देते समय हर्ष मंदर को पूरा पता था कि उनका बयान कोर्ट की अवमानना है. इसके बावजूद उन्होंने ये सब किया. दिल्ली पुलिस ने अपील की है कि कोर्ट उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई करे. वहीं, हर्ष मंदर की याचिका को असाधारण जुर्माने के साथ खारिज करने की अपील की गई है.
हिंसा के लिए उकसाने का आरोप
डीसीपी लीगल सेल ने हलफनामे में आरोप दायर किया है कि मंदर ने ना सिर्फ हिंसा के लिए भीड़ को उकसाया, बल्कि सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ बयान भी दिया, जो अवमानना है. मंदर पर जामिया में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान लोगों को हिंसा के लिए उकसाने का आरोप है.
वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान उकाने वाला भाषण देने के आरोपों पर कार्यकर्ता हर्ष मंदर से बुधवार को जवाब मांगा. मंदर के कथित भड़काऊ भाषणों की जानकारी केंद्र ने प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली एक पीठ को दी.
पीठ ने सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता से इस पहलु पर याचिका दाखिल करने और आरोपों पर मंदर के वकील से जवाब दायर करने को कहा. बता दें कि दिल्ली हिंसा के पीड़ितों की याचिका में आरोप लगाया गया है कि इन नेताओं के भड़काऊ भाषण देने की वजह से ही दिल्ली में हिंसा भड़की.
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