दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से एक मीटर उपर चले जाने से राष्ट्रीय राजधानी के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है और सरकार लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने की कवायद में लगी है.
पूर्वी दिल्ली में बाढ़ की आशंका के बीच मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने लोगों से अपील की है कि घबरायें नहीं. उन्होंने कहा कि किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए सभी एहतियातन कदम उठाये जा रहे हैं.
यमुना में हरियाणा के हथिनीकुंड बराज से छोड़े गये पानी के यहां पहुंचने के बाद शाम के वक्त इसका जलस्तर 206.17 मीटर पहुंच गया जो खतरे के निशान (204.83 मीटर) से 1.34 मीटर उपर है.
बाढ़ नियंत्रण विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि जलस्तर और बढ़ सकता है और कल सुबह तक 206.65 मीटर के स्तर पर पहुंच सकता है क्योंकि हरियाणा ने आज करीब एक लाख क्यूसेक पानी और छोड़ा है.
गौरतलब है कि यमुना नदी का जलस्तर कल खतरे के निशान 204. 83 मीटर को पार गया था, जिसके चलते अधिकारियों ने निचले इलाकों में रहने वाले सैकड़ों लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया है. 74 नौकाओं और 68 गोताखोरों को भी बचाव कार्य में लगाया गया है.
मुख्यमंत्री ने लोगों से नहीं घबराने की अपील करते हुए कहा कि हरियाणा ने पिछले तीन दिनों में करीब नौ लाख क्यूसेक पानी छोड़ा है, लेकिन शहर को ज्यादा खतरा नहीं हो सकता क्योंकि नदी के मार्ग में तटबंधों के टूटने से पानी इधर उधर फैल गया है.
शीला ने कहा, ‘मुझे आज सुबह 10 बजे बताया गया कि नदी के मार्ग में कहीं पर तटबंध टूट गया है और पानी इधर उधर फैल गया है. हम उम्मीद कर रहे हैं कि लगभग 3.5 लाख क्यूसेक पानी दिल्ली पहुंचेगा.’
उन्होंने बताया, ‘इस तरह से हम जिस खतरे का अनुमान लगा रहे थे, वैसी स्थिति नहीं आ सकती है.’ बाढ़ नियंत्रण मंत्री राज कुमार चौहान ने बताया कि निचले इलाकों में प्रवेश करने वाले पानी को निकालने के लिये नदी के तट पर 100 से अधिक बूस्टर पंप लगाये गये हैं.
उन्होंने बताया, ‘हम लगातार हालात की निगरानी कर रहे हैं और किसी भी स्थिति का सामना करने के लिये तैयार हैं.’ एक अधिकारी ने बताया, ‘हरियाणा ने आज करीब एक लाख क्यूसेक पानी छोड़ा है.’