दिल्ली में पांच साल की गुड़िया से हुई दरिंदगी ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया. साथ ही पूरे देश को ये सोचने पर भी मजबूर किया कि हैवानियत की हद तक हुई ऐसी घिनौनी हरकत के लिए सजा क्या हो. साथ ही इस सवाल पर भी माथापच्ची हो रही है कि आखिर ऐसी दरिंदगी, ऐसी हैवानियत की वजह क्या है. तो इसकी एक बड़ी वजह सामने आ रही है अश्लील फिल्में.
ऐसा माना जा रहा है कि अश्लील फिल्में बलात्कार जैसी घिनौनी हरकतों को बढ़ावा दे रही हैं. इसका जहर वीडिओ सीडी से चार कदम आगे बढ़कर मोबाइल फोन तक जा पहुंचा है. इसीलिए इनपर रोक लगाने की बात हो रही है.
'मेल टुडे' ने अपनी पड़ताल में पाया है कि दिल्ली में अश्लील सामग्री बेचने वाले पुराने अड्डे अब सीडी और डीवीडी से कहीं आगे निकल चुके हैं, जहां वाकई में पैसा है. यहां मोबाइल फोन की बात हो रही है. अब पोर्न डिस्क की बजाए क्लिप्स बेची जा रही हैं.
शायद कुछ इसी तरह दिल्ली के गांधीनगर में 5 साल की मासूम गुड़िया को अपनी हवस का शिकार बनाने वाले मनोज साह और प्रदीप को अपने मोबाइल फोन में क्ल्प्सि मिली थीं. पुलिस के मुताबिक बच्ची के साथ दरिंदगी को अंजाम देने से पहले दोनों अपने मोबाइल फोन पर अश्लील क्लिप्स ही देख रहे थे.
'मेल टुडे' पाइरेटेड और गैरकानूनी, लेकिन वयस्क मनोरंजन की सामग्री मुहैया कराने वाले पारंपरिक पालिका बाजार, गफ्फार मार्केट, और नेहरू प्लेस जा पहुंचा और यह पाया कि चीजें अब बदल गईं हैं. अब दुकानों के सामने न ही किसी नग्न महिला के पोस्टर दिखाई देते हैं और न ही सेल्समैन ग्राहकों पर टूट पड़ते हैं. अब सारा खेल मोबाइल फोन और मेमोरी कार्ड का है, जिन पर सीधे पोर्न सामग्री फीड कर दी जाती है.
आखिर यह सब कैसे होता है. दरअसल, जैसा कि करोल बाग और गफ्फार मार्केट में कहा जाता है कि अगर आप 'माल' की तलाश में हैं तो दुकानों की कोई कमी नहीं है. बेहद साधारण सी टेबल में लैपटॉप लिए हुए कई दुकानदार आपको इसी तरह की चीजें बेचते हुए मिल जाएंगे. आपको जो भी चाहिए वो आपके फोन पर तुरंत इंस्टॉल कर दिया जाएगा. हां, आपको इसके लिए कीमत तो चुकानी ही होगी.
पोर्न फिल्में अंग्रेजी और हिंदी दोनों ही भाषाओं और घटिया तथा हाई क्वालिटी में उपलब्ध है. एक पुराने दुकानदार के मुताबिक, 'हमारे पास हाईडेफिनेशन वाली ब्लू फिल्में भी हैं, लेकिन मैं इन्हें लेने की सलाह आपको तभी दूंगा जबकि आपके पास एप्पल और सैमसंग जैसे अच्छे फोन हों. अगर ऐसा नहीं है तो हमारे पास साधारण फोन्स के लिए छोटी और हल्की क्वालिटी वाली क्लिप्स भी हैं.'
एक लड़के ने हमें बताया कि 10 जीबी की क्लिप की कीमत 150 रुपये से 450 रुपये के बीच है. साथ ही यह इस पर भी निर्भर करता है कि आप कितनी अच्छ तरह से बार्गेनिंग कर पाते हैं.
पालिका बाजार में जब हमने पोर्न सीडी और डीवीडी मांगी तो उसके बदले हमें यह सलाह मिली, 'आजकल सीडी कौन देखता है. आप उसे घर में खुलेआम खोल भी नहीं सकते. हर कोई उसे अपने मोबाइल में ही रखता है. आप उसे पेन ड्राइव में क्यों नहीं ले लेते. यह ज्याद सस्ता और टिकाऊ है.'
एक दूसरे दुकानदार ने बताया कि सेलफोन की वजह से सीडी और डीवीडी के बाजार में गिरावट आई है.