दिल्ली की झुग्गियां बढ़ती गर्मी के कारण आग के प्रति बहुत संवेदनशील है. इस महीने झुग्गियों में हुए अग्निकांडों के कारण पांच लोगों की मौत हो गई है, जबकि 50 घायल हो गए. अग्निशमन कर्मचारियों का मानना है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए झुग्गियों में व्यावसायिक गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने और भूमिगत तारों से बिजली आपूर्ति समेत कई उपाय किए जा सकते हैं.
अधिकारियों का मानना है कि झुग्गियों को बनाने में उपयोग किए जाने वाले तत्वों, ज्वलनशील व्यर्थ पदाथरें को सुरक्षित रखने और झुग्गियों के बीच से बिजली के तारों के जाने से इन इलाकों में आग लगने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. इसके अलावा आग लगने पर फायर बिग्रेड को सूचित करने के लिए दूरसंचार सुविधाओं की कमी और झुग्गियों तक पहुंचने के लिए संकरे रास्तों के कारण भी आग लगने की घटनाओं में इजाफा हो रहा है.
दिल्ली अग्निशमन सेवा के निदेशक आरसी शर्मा ने कहा ‘‘झुग्गियों में आग मुख्य तौर पर अत्यधिक गर्मी के कारण लग रही है. इस गर्मी के कारण झुग्गियों के निर्माण में उपयोग किया जाने वाला पदार्थ और ज्वलनशील हो जाता है, जिससे शॉर्ट सर्किट हो जाता है.’’ उन्होंने कहा ‘‘झुग्गियां जिस पदार्थ से बनतीं हैं, वह आग पकड़ने पर जहरीली गैस पैदा करता है.’’ राजधानी में कल आग लगने की दो घटनाओं में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी, जबकि दो घायल हो गए थे.
शालीमार बाग की चाय की एक दुकान में पिछले मंगलवार को लगी आग में 30 लोग घायल हो गए थे. उसी दिन शाहीन बाग में आग ने 175 झुग्गियों को अपनी चपेट में ले लिया था. इस महीने राजधानी में झुग्गियों में आग लगने की कम से कम सात बड़ी घटनाएं हो चुकी हैं.
शर्मा ने बताया कि उन्होंने सरकार से झुग्गियों में व्यावसायिक गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने और भूमिगत तारों से बिजली आपूर्ति की व्यवस्था कराने का आग्रह किया है. आग रोकने के लिए फायर बिग्रेड ने सुनियोजित तरीके से झुग्गियों के निर्माण और इनमें अज्वलनशील पदाथरें के उपयोग का सुझाव दिया है.