लोकसभा में सोमवार को स्वयंभू आध्यात्मिक गुरु आसाराम बापू के खिलाफ कडी कार्रवाई की मांग की गई और कुछ सदस्यों ने तो उन्हें फांसी तक देने की बात कही. आसाराम के खिलाफ एक किशोरी ने बलात्कार का आरोप लगाया है.
सदन में शून्यकाल के दौरान जिस समय मुंबई में फोटो पत्रकार के साथ गैंगरेप की घटना की जांच की प्रगति को लेकर चर्चा चल रही थी, आसाराम बापू का मुद्दा उठा.
जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव ने सदन में मौजूद गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे से कहा, 'एक साधू है जो तमाशा कर रहा है. क्यों नहीं उसे बंद किया जाता. आपने इस मामले में क्या किया? एक युवती ने उसके खिलाफ बलात्कार का आरोप लगाया है. उसे सजा देने से कड़ा संदेश जाएगा. मंत्री इस बारे में क्यों नहीं बोलते. एक मामले में बोलेंगे और दूसरे में नहीं, ऐसा कैसे चलेगा.'
दरअसल शिन्दे ने सोमवार को मुंबई गैंगरेप मामले पर सदन में बयान दिया, जिसके बाद यादव ने आसाराम का मुद्दा उठाया.
भाकपा के गुरुदास दासगुप्ता सहित कुछ अन्य सदस्यों ने भी विवादास्पद आसाराम बापू के खिलाफ कडी कार्रवाई की मांग की. सदस्य इस मुद्दे पर बोलना चाहते थे लेकिन अध्यक्ष मीरा कुमार ने इसकी अनुमति नहीं दी. दासगुप्ता ने कहा, 'आसाराम को फांसी पर लटकाना चाहिए.' उन्होंने कहा कि झारखंड में एक महिला कांस्टेबल के साथ सामूहिक बलात्कार सहित देश भर में बलात्कार की घटनाएं बढ रही हैं. ये घटनाएं हमारे और सरकारी एजेंसियों के लिए शर्म की बात हैं.
शिरोमणि अकाली दल की हरसिमरत कौर ने भी ऐसे दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की.
शिंदे ने कहा कि आसाराम बापू और झारखंड कांस्टेबल सामूहिक बलात्कार जैसे मामले मुख्य रूप से राज्यों की चिन्ता का विषय हैं. ये सभी मामले जांच के प्रारंभिक स्तर पर हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें इन मामलों के बारे में सूचना नहीं है. जैसे ही सूचना मिलेगी, वह सदन को अवगत कराएंगे.
आसाराम बापू के खिलाफ 15 साल की एक किशोरी ने शिकायत दर्ज करायी है कि आसाराम ने जोधपुर आश्रम में उसका यौन उत्पीड़न किया. आसाराम ने हालांकि इस आरोप से इंकार किया है.