महंगाई पर श्वेत पत्र लाने की मांग करने के साथ वाम दलों, बसपा, सपा और राजद सदस्यों ने कीमतें नियंत्रित करने में कोई ठोस कार्रवाई नहीं करने का सरकार पर आरोप लगा कर लोकसभा से वाकआउट किया.
आवश्यक वस्तुओं, खासकर खाद्य वस्तुओं की कीमतों में पिछले कुछ महीनों से हुई बेतहाशा वृद्धि के विरोध में राष्ट्रीय राजधानी में वाम दलों की आज हुई रैली का शून्यकाल में जिक्र करते हुए भाकपा के गुरूदास दासगुप्ता ने श्वेत पत्र लाने की मांग की. उन्होंने कहा कि इस श्वेत पत्र में सरकार यह बताए कि मंहगाई क्यों बढ़ी और उसे नियंत्रित करने के लिए उसने अब तक क्या कदम उठाए हैं.
माकपा के रामचन्द्र डोम ने कहा कि बेकाबू होती मंहगाई को नियंत्रित करने के उपाय करने की बजाय सरकार ने पेट्रोल, डीज़ल और यूरिया के दाम बढ़ा कर आम आदमी के ‘जख्मों पर नमक छिड़का’ है.
कई दलों के सदस्यों ने मंहगाई को काबू करने के बारे में सरकार से जवाब देने की मांग की और ऐसा नहीं होने के विरोध में वाम दलो, बसपा, सपा और राजद के सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया.
भाजपा और बीजद के कुछ सदस्यों ने इस मुद्दे से अपने को संबद्ध किया, लेकिन वाकआउट में हिस्सा नहीं लिया.