राज्यसभा में अपने आखिरी भाषण में कवि और लेखक जावेद अख्तर ने एक ओर जहां सदन में बिताए दिनों को कीमती बताया, वहीं, दूसरी ओर बिना नाम लिए MIM नेता असदुद्दीन ओवैसी पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि अगर संविधान भारत माता की जय बोलने को नहीं कहता तो शेरवानी पहनने के लिए भी नहीं बोलता.
जावेद अख्तर ने कहा, 'बिना सेक्युलरिज्म के लोकतंत्र सभव नहीं है. हम धन्य हैं. हमें अपने संविधान का शुक्रगुजार होना चाहिए जिसने हमें लोकतंत्र दिया है.' अख्तर राज्यसभा में अपना छह वर्षों का अनुभव साझा कर रहे थे. उन्होंने कहा कि आजादी के बाद भारत की सबसे बड़ी अचीवमेंट देश की जड़ों में लोकतंत्र की स्थापना है.
'लोकतंत्र की ताकत है विपक्ष'
राज्यसभा के मनोनीत सदस्य के तौर पर बुधवार को रिटायर हो रहे मशहूर लेखक और कवि ने कहा कि दुनिया भर में तमाम देशों में सरकारें हैं, लेकिन विपक्ष की ताकत सिर्फ लोकतंत्र में है.
'संविधान शेरवानी पहनने को भी नहीं कहता'
MIM नेता असदुद्दीन के बयान पर उन्होंने बिना नाम लिए कहा, 'वो कहते हैं कि भारत माता की जय नहीं बोलेंगे, क्योंकि संविधान में ऐसा करने को नहीं कहा गया. लेकिन उसी संविधान में उन्हें शेरवानी पहनने के लिए भी नहीं कहा गया.'
उन्होंने केंद्र सरकार से देश के युवाओं की ताकत का सही इस्तेमाल करने और देश के विकास की ज्यादा संभावनाएं तलाशने की गुजारिश की.