प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नोटबंदी का नक्सलियों पर कोई असर नहीं पड़ा है. सुकमा हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व गृह सचिव और बीजेपी सांसद आरके सिंह ने कहा कि नोटबंदी से नक्सलियों की कमर टूट गई, ऐसा नहीं कहा जा सकता. इसकी वजह है कि नोटबंदी के बाद भी नक्सलियों ने उगाही और लूट जारी रखी. इनके पास पैसे की कमी नहीं हुई.
देश के अलग-अलग हिस्सों में नक्सली पकड़े जा रहे हैं या मारे जा रहे हैं. इस लड़ाई में हम लोग एक दिन जरूर जीतेंगे. लड़ाई में कभी नक्सली जीतते हैं, तो कभी हम जीतते हैं. हालांकि आखिर में जीत हमारी ही होगी. खुफिया तंत्र की विफलता के सवाल पर आरके सिंह का कहना है कि जमीनी स्तर पर हमारा खुफिया तंत्र कमजोर है. उसे मजबूत करना पड़ेगा, क्योंकि गांव वाले जल्दी नक्सलियों के इनफॉर्मर बन जाते हैं.
कभी उन्हें डराया जाता है, तो कभी लालच से भी ऐसा होता है. ऐसे में हमारे लिए मुश्किलें बढ़ जाती हैं. उन्होंने कहा कि जब भी दस्ता कहीं मूव करता है, तो नक्सलियों को इसकी जानकारी मिल जाती है. जवान उन्हें नहीं देख पाते, लेकिन उनकी नजर में जवान जरूर आ जाते हैं, जिसकी वजह से यह हमले होते हैं.
आरके सिंह के मुताबिक जंगलों में रोड बनाए जा रहे हैं, लेकिन नक्सली ऐसा नहीं चाहते हैं. क्योंकि इससे उन्हें लैंड माइन बिछाने में दिक्कत होती है. वे जवानों पर हमले कर हमें कमजोर करना चाहते हैं और इसी वजह से हमले कर रहे हैं, उन्होंने कहा कि हमें अपनी रणनीति की समीक्षा करनी होगी. लेकिन जहां तक इस घटना की बात है, उसका विश्लेषण करने के बाद ही पता चलेगा कि कहां पर कमियां रहीं.