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नोटबंदी का तीसरा साल, सड़क पर विपक्ष, मोदी सरकार और BJP खामोश

नोटबंदी के तीन साल पर कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने सरकार पर हमलावर हैं. कांग्रेस सड़क पर उतर कर प्रदर्शन कर रही है, जबकि नोटबंदी के तीन साल पूरे होने पर मोदी सरकार और भारतीय जनता पार्टी खामोश है.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अमित शाह (फाइल फोटो)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अमित शाह (फाइल फोटो)

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  • PM मोदी, अमित शाह, निर्मला सीतारमण ने नहीं किया कोई ट्वीट
  • राहुल, प्रियंका, ममता, मायावती, अखिलेश ने साधा निशाना

आज 8 नवंबर है और आज के ही दिन रात 8 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2016 में नोटबंदी का ऐलान किया था. नोटबंदी के तीन साल पर कांग्रेस समेत विपक्षी दल सरकार पर हमलावर हैं. कांग्रेस सड़क पर उतर कर प्रदर्शन कर रही है, जबकि नोटबंदी के तीन साल पूरे होने पर मोदी सरकार और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) खामोश है.

न तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और न ही बीजेपी अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कोई ट्वीट किया. इसके साथ ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी नोटबंदी के तीन साल पूरे होने पर कोई ट्वीट किया. यहां तक कि बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी कोई टिप्पणी नहीं की. मोदी सरकार और बीजेपी खामोश है, तो कांग्रेस, टीएमसी, बसपा, सपा, हमलावर हैं.

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कांग्रेस हमलावर, राहुल ने साधा निशाना

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने कहा कि नोटबंदी के आतंकी हमले ने देश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद किया. नोटबंदी से लाखों छोटे कारोबार तबाह हुए और बेरोजगारी बढ़ी है. नोटबंदी ने कई लोगों की जान भी गई. उन्होंने कहा कि नोटबंदी हमले के जिम्मेदार लोगों को सजा मिलनी चाहिए.

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि नोटबंदी को सरकार ने हर मर्ज की शर्तिया दवा बताई थी. जो धराशायी हो गया. वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसे एक आपदा बताया. मैंने पहले ही दिन कहा था कि इससे अर्थव्यवस्था और लोगों की जिंदगी बर्बाद होगी. ममता ने कहा कि आज विशेषज्ञ भी नोटबंदी के नुकसान को मान रहे हैं.

वहीं, बसपा अध्यक्ष मायावती ने कहा कि बीजेपी की केन्द्र सरकार द्वारा बिना पूरी तैयारी के जल्दबाजी व अपरिपक्व तरीके से किए गए नोटबन्दी का दुष्परिणाम पिछले 3 वर्षों में विभिन्न रूपों में जनता के सामने लगातार आ रहा है, बल्कि देश में बढ़ती बेरोजगारी व बिगडत़ी आर्थिक स्थिति इसी का मुख्य कारण है जिसपर जनता की पैनी नजर है.

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