नीति आयोग के सदस्य और अर्थशास्त्री बिबेक देबरॉय ने कहा है कि बैंकों में नकदी की समस्या धीरे-धीरे कम हो रही है, लेकिन यह समस्या 30 दिसंबर से आगे भी खिंच सकती है. इंडिया टुडे के कंसल्टिंग एडिटर राजदीप सरदेसाई को दिए एक खास इंटरव्यू में देबरॉय ने कहा कि नोटबंदी से शहरी अमीर लोग ज्यादा नाराज लग रहे हैं, गरीब लोग नहीं. उन्होंने कहा कि भारत सिर्फ दिल्ली और मुंबई ही नहीं है.
विवेक देबरॉय ने कहा कि धीरे-धीरे स्थिति सुधर रही है, एटीमए में परेशानी है, लेकिन तेजी से सुधार हो रहा है. आधे से ज्यादा एटीएम में समस्या है, इसलिए यह इतनी जल्दी नहीं सुधरेगा, थोड़ा वक्त लगेगा.
नकद निकासी की सीमा के मामले में देबरॉय ने कहा, ' मुझे लगता नहीं है कि 30 दिसंबर के बाद विथड्रावल पर कोई लिमिट रहेगी. लेकिन इसका फैसला आरबीआई और सरकार को लेना है.' उन्होंने कहा कि नकदी की तंगी है, शहरों में अगर बड़े नोट ही एटीएम से निकल रहे हैं, तो इसकी वजह यह हो सकती है कि शायद ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे नोट ज्यादा भेजे जा रहे हैं.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी के बाद जनता से 50 दिन मांगा था और वायदा किया था कि इसके बाद हालात सुधर जाएंगे. लेकिन अब तमाम जानकार धीरे-धीरे यह स्वीकार करने लगे हैं कि अभी हालात सुधरने में और समय लग सकता है.