राजधानी में डेंगू ने पांच साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. दिल्ली में डेंगू से होने वाली मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है, जिसकी सबसे बड़ी वजह होती है इस बीमारी का समय पर पता नहीं चल पाना. लेकिन अब घर बैठे ही सिर्फ 20 मिनट में ही ये पता लगाया जा सकेगा कि आपको डेंगू है या नहीं.
इसके लिए एमिटी विश्वविद्यालय की प्रोफेसर जागृति नारंग ने ऐसा बायो सेंसर डिवाइस तैयार किया है जो किसी भी तरह के डेंगू का पता सिर्फ 20 मिनट में ही लगा सकता है.
फिलहाल डॉक्टर डेंगू का पता लगाने के लिए एन्टी बॉडीज की जांच करते हैं या फिर अलग अलग स्ट्रेन जांचों के जरिये पता लगाने की कोशिश करते हैं.
स्ट्रेन टेस्ट में सबसे बड़ा खतरा यह है कि अगर किसी व्यक्ति को टाइप वन का डेंगू है और उसकी टाइप टू की जांच करा ली गई तो रिपोर्ट निगेटिव आएगी. ऐसे में मरीज की जान को खतरा भी हो सकता है.
कैसे आया ये विचार
एमिटी विश्वविद्यालय में नैनो टेक्नोलॉजी विभाग की प्रोफेसर डॉक्टर जागृति नारंग का कहना है वो करीब दो साल पहले अपने बच्चे को डेंगू की जांच के लिए अस्तपताल ले गई थी लेकिन अस्पताल में कई डेंगू के मरीजों की लंबी लाइन थी, जिसके बाद उन्होंने सोचा कि क्यों न डेंगू की जांच के लिए आसान और सस्ती डिवाइस बनाई जाए जिसके बाद उन्होंने इस पर बड़ी मेहनत की और सामने आया बायो सेंसर डिवाइस.
तैयार हो रहा है नैनो डिवाइस
दरसअल बायो सेंसर में एक इलेक्ट्रोड पर डेंगू का कॉमन डीएनए लगा है जब किसी भी व्यक्ति के डीएनए को इलेक्ट्रोड पर रखेंगे तो वह बता देगा की व्यक्ति को डेंगू है या नहीं. डॉ. जागृति नारंग कहती हैं कि अभी हम बायो सेंसर को और विकसित कर रहे हैं, ताकि डीएनए की जगह इसमें सिर्फ रक्त (ब्लड) रखकर डेंगू का पता लगाया जा सके. फिलहाल अब इसका नैनो डिवाइस तैयार किया जा रहा है ताकि किसी भी मेडिकल की दुकान से आप इससे खरीदकर चेक कर सकते है कि आपको डेंगू है या नहीं.
बार-बार खरीदना पड़ेगा चिप
इस डिवाइस को बाजार में पहुंचने में करीब एक साल और लगेगा. इसके लिए लोगों को एक बार ही करीब 1000 रुपये खर्च कर हैंडल डिवाइस खरीदना पड़ेगा, जोकि एक बार ही लगेगा और फिर उस हैंडल डिवाइस में एक चिप लगेगा उस चिप की कीमत करीब 1 रुपये से 10 रुपये तक होगी. आपको जब भी डेंगू का पता लगाना हो तो नया चिप खरीदना पड़ेगा.