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डेंगू के डर से इस साल मिलेगी मुक्ति, वायरस नहीं रहा जानलेवा!

माइक्रोबायोलॉजी विभाग के डॉक्टर ललित धर ने 'आज तक' को बताया कि पिछले 2-3 सालों से दिल्ली में डेंगू का टाइप टू वायरस फैला हुआ था, जिसकी वजह से डेंगू के मरीजों में ब्लीडिंग और शॉक सिंड्रोम देखने को मिलता था.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

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डेंगू के डंक से साल दर साल परेशान होने वाले दिल्ली-एनसीआर के लोगों के लिए राहत की खबर है. इस साल डेंगू का टाइप थ्री वायरस एक्टिव है जो पिछले साल एक्टिव रहे वायरस टाइप टू के मुकाबले कम खतरनाक है. एम्स के माइक्रोबॉयोलॉजी विभाग ने दिल्ली में आने वाले डेंगू के मरीजों की जांच के आधार पर ये पाया कि इस साल दिल्ली में डेंगू का टाइप टू वायरस एक्टिव है जिसकी वजह से दिल्ली में डेंगू का प्रकोप देखने को नहीं मिलेगा.

माइक्रोबायोलॉजी विभाग के डॉक्टर ललित धर ने 'आज तक' को बताया कि पिछले 2-3 सालों से दिल्ली में डेंगू का टाइप टू वायरस फैला हुआ था, जिसकी वजह से डेंगू के मरीजों में ब्लीडिंग और शॉक सिंड्रोम देखने को मिलता था. लेकिन इस बार डेंगू के जितने भी मामले सामने आए उनमें डेंगू का टाइप 3 वायरस का स्ट्रेन मिला. जिसमें मरीज को बुखार तो आएगा, बदन दर्द और शरीर में चकते भी बनेंगे लेकिन डेंगू जानलेवा नहीं होगा. हाई रिस्क मरीज भी इस बार डेंगू के चपेट में आने के बावजूद खतरे से बाहर रहेंगे. मतलब ये कि डेंगू की वजह से मरीज की मौत नहीं होगी. डॉक्टर धर के मुताबिक टाइप 3 का ये वायरस फैलता तो उसी तेजी से है, लेकिन यह उस लेवल पर एग्रेसिव नहीं होता. इसलिए यह दिल्ली वालों के लिए राहत की खबर है.

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डेंगू के वायरस चार टाइप के होते हैं, उसका पांचवा टाइप भी सामने आया है लेकिन भारत में अभी ये वायरस नहीं है. डेंगू के टाइप 1, टाइप 2, टाइप 3, टाइप 4 वायरस में से टाइप टू वायरस सबसे ज्यादा खतरनाक होता है. टाइप 4 वायरस में भी जान जाने का खतरा रहता है लेकिन टाइप 1 और टाइप 3 वायरस माइल्ड होते हैं जिससे जान जाने का खतरा नहीं होता.

डॉक्टर धर के मुताबिक टाइप टू और टाइप फोर में खतरा ज्यादा होता है, उसमें शॉक सिंड्रोम और हेमरैजिक होने का खतरा ज्यादा रहता है. ऐसी स्थिति में मरीज को एडमिट करने की जरूरत होती है. डॉक्टरों के मुताबिक बेशक डेंगू का वायरस कोई भी हो लेकिन लोगों को सतर्कता जरूर बरतनी चाहिए. क्योंकि अगर आप एक बार डेंगू टाइप टू से ग्रसित हो चुके हो तो इस बार आप डेंगू टाइप 3 का भी शिकार हो सकते हो. लेकिन डेंगू टाइप 2 से ग्रसित व्यक्ति को फिर से टाइप 2 डेंगू नहीं होगा.

आपको बता दें कि पिछले साल भी दिल्ली में टाइप टू वायरस एक्टिव था जिसकी वजह से 4431 मामले आए थे जिनमें 206 लोगों की जान गई थी.

 

 

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