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खाली सदन में बिल पास कराकर संसद का मजाक बना रही है सरकार: डेरेक

डेरेक ने लोकसभा के नियमों का हवाला देते हुए ट्वीट किया कि शुक्रवार के दिन दोपहर बाद कोई भी विधेयक नहीं लिया जाता है क्योंकि इस दिन गैर सरकारी कामकाज का दिन होता है, लोकसभा लगभग खाली है और यह सरकार 5 बजे के बाद आधार बिल को पारित कराकर संसद जैसी संस्था का मजाक बना रही है.

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टीएमसी सांसद ने डेरेक ओ ब्राईन
टीएमसी सांसद ने डेरेक ओ ब्राईन

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संसद में शुक्रवार को गैर सरकारी कामकाज का दिन था और इस दिन दोनों संसद में प्राइवेट मेम्बर बिल पेश किए जाते हैं. लोकसभा में आज राफेल डील पर नियम 193 के तहत आगे की चर्चा हुआ और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए डील को देशहित में बताया है. इधर चर्चा के बाद सरकार ने लोकसभा से तीन सरकारी विधेयकों को भी ध्वनिमत से मंजूर कर लिया है.

सरकार के इस रवैये पर सवाल उठाते हुए राज्यसभा में टीएमसी के सांसद डेरेक ओ ब्राईन ने मोदी सरकार पर लोकतंत्र का मजार बनाने का आरोप लगाया है. डेरेक ने लोकसभा के नियमों का हवाला देते हुए ट्वीट किया कि शुक्रवार के दिन दोपहर बाद कोई भी विधेयक नहीं लिया जाता है क्योंकि इस दिन गैर सरकारी कामकाज का दिन होता है, लोकसभा लगभग खाली है और यह सरकार 5 बजे के बाद आधार बिल को पारित कराकर संसद जैसी संस्था का मजाक बना रही है.

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टीएमसी सांसद ने अपने दूसरे ट्वीट में कहा कि गैर सरकारी कामकाज के दिन सरकार ने 6 बजे के बाद एक और बिल को चर्चा के लिए सदन में रखा है. बिल में क्या सामग्री है, यह मत करो और संसद जैसी स्वर्णिम संस्था की हत्या कर दी गई है.

तीन विधेयकों को मिली मंजूरी

लोकसभा में आज राफेल पर चर्चा के बाद तीन सरकारी विधेयकों को ध्वनिमत से मंजूरी दी गई है. इनमें नई दिल्ली अंतरराष्ट्रीय माध्यस्थम केंद्र विधेयक 2018, आधार में संशोधन संबंधी विधेयक, कंपनी (संशोधन) बिल 2018 शामिल हैं. शाम छह बजे के बाद विधेयक चर्चा के लिए लेने पर बीजेडी सांसद भर्तृहरि महताब ने भी लोकसभा के भीतर अपनी आपत्ति जताई लेकिन सरकार की ओर से चीफ व्हिप अनुराग ठाकुर ने इस पारित कराने की अपील की तो चेयर पर बैठे हुकुमदेव नारायण यादव ने भी विधेयक को पेश करने की इजाजत दे दी.

बता दें कि राफेल पर चर्चा के बाद ही राहुल गांधी समेत कांग्रेस के तमाम सांसद सदन से चले गए थे. इसके अलावा टीएमसी, एआईएडीएमके, आरजेडी, सपा समेत कई दलों के सांसद सदन में मौजूद नहीं थे. सत्तापक्ष की ओर से बीजेपी के सांसद और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के अलावा कुछ अन्य सांसद ही सदन के भीतर मौजूद थे.

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