नरेंद्र मोदी विरोधी बयान से विवादों में घिरे ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित यू आर अनंतमूर्ति ने कहा कि मोदी को हिंदुत्व की समझ नहीं है वह इसकी विविधता नष्ट कर देंगे.
जाति व्यवस्था की जड़ता और इसके अंतर्द्वंद पर आधारित बहुचर्चित कृति ‘संस्कार’ के रचनाकार अनंतमूर्ति ने कहा, ‘हिंदुत्व का मूल है समावेशी अवधारणा, इसकी विविधता... सैंकड़ों तरह की सोच ने इस जीवन-दर्शन का निर्माण किया है और मोदी को इसकी समझ नहीं है, वह इस खूबसूरती को नष्ट कर देंगे.’ गौरतलब है कि अनंतमूर्ति ने पिछले सप्ताह ही कहा था कि वह ऐसे भारत में नहीं रहना चाहेंगे जहां मोदी प्रधानमंत्री हों.
फूहड़ होती हैं बीजेपी नेताओं की प्रतिक्रिया
साहित्य अकैडमी के अध्यक्ष रहे अनंतमूर्ति ने इस विवाद के संबंध में कहा, ‘मैंने नेहरू और इंदिरा गांधी का भी बेहद विरोध किया था लेकिन आज तक कांग्रेस के किसी नेता की प्रतिक्रिया वैसी नहीं रही जैसी फूहड़ प्रतिक्रिया बीजेपी नेताओं और समर्थकों की रही. इससे संकेत मिलता है कि यह पार्टी बौद्धिक असहमति तक बर्दाश्त नहीं कर सकती.’
बौद्धिक रूप से खोखले हैं मोदी
अपने बयान पर कायम अनंतमूर्ति ने कहा, ‘मोदी बौद्धिक रूप से खोखले व्यक्ति हैं इसलिए दिखावा पसंद हैं... कोई आत्मिक जीवन नहीं है. वह आत्मविश्लेषण नहीं कर सकते... नहीं तो वह गुजरात के 2002 के दंगे के करीब दशक भर बाद भी यह नहीं कहते कि कोई कुत्ते का बच्चा भी गाड़ी के नीचे आ जाता है तो अफसोस होता है.’ उन्होंने कहा कि इसका अर्थ है कि मोदी अभी वहीं के वहीं हैं. ऐसे जड़ व्यक्ति पर क्या इतना भरोसा किया जा सकता है?
बीजेपी को अनंतमूर्ति ने दिया जवाब
बीजेपी द्वारा अपने ऊपर अवसरवादी होने का आरोप लगाने के संबंध में अनंतमूर्ति ने कहा, ‘मैं हमेशा अपने आपको ‘क्रिटिकल इनसाइडर’ (तटस्थ-ईमानदार विश्लेषक) मानता रहा हूं. मैं बौद्धिक हूं... साक्षी भाव रखना मेरा धर्म है. स्वयं अपने लिए, समाज, राजनीति, सबके लिए.’
कांग्रेस विरोध हो गया बीजेपी विरोध में तब्दील
अनंतमूर्ति ने कहा, ‘मैं राजनीतिक तौर पर परिपक्व होता गया हूं. मैं हमेशा कांग्रेस विरोधी रहा. मैंने अपने दौर के नायक जयप्रकाश नारायण की भी आलोचना की जबकि मैंने देखा कि उनकी समावेशी नीति का बीजेपी ने फायदा उठाया. मैंने अपने राजनैतिक रुझान पर भी संदेह किया. राम मनोहर लोहिया की अवधारणा पर भी. आज हालात ऐसे बने कि यह कांग्रेस विरोध, बीजेपी विरोध में तब्दील हो गया.’
कांग्रेस के पास नेहरू और शास्त्री जैसे नेताओं का इतिहास
कांग्रेस पर भरोसे के संबंध में उन्होंने कहा, ‘उस पार्टी के पास कम से कम स्मृति है, कद्दावर नेताओं और उदार सोच की. इतिहास है जवाहरलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री जैसे नेताओं का . उसका भी पतन हुआ है लेकिन वैसा नहीं जैसा बीजेपी का.’ अनंतमूर्ति ने कहा कि बीजेपी को राष्ट्रीय पार्टी बनाने वाले लालकृष्ण आडवाणी ने प्रधानमंत्री पद के लिए अटल बिहारी वाजपेयी का रास्ता साफ किया. दूसरी ओर वाजपेयी प्रधानमंत्री बने लेकिन अयोध्या कभी नहीं गए. उस कड़ी में मोदी का जुड़ना खतरनाक संकेत है.
बिना नाम लिए मोदी पर साधा निशाना
उन्होंने बगैर किसी नेता का नाम लिए कहा कि अच्छी मंशा से, अपेक्षाकृत कम क्षमतावान व्यक्ति, अगर शीर्ष पद पर पहुंचता है तो लाभ नहीं तो नुकसान भी निश्चित ही नहीं होगा. लेकिन एक क्षमतावान व्यक्ति, जिसकी प्रवृत्ति ठीक नहीं हो... तो वह इतिहास की धारा बदल देता है.
मोदी का विकास मॉडल है संदेहास्पद
मोदी के विकास के मॉडल के बारे में उन्होंने कहा, ‘यह संदेहास्पद है. मान लीजिए अगर रेलगाड़ियां समय पर चलने लगें, दफ्तरों में कामकाज बेहतर हो जाए (जो वैसे भी होना चाहिए) लेकिन अगर लोगों का स्वतंत्र मानस दांव पर लगे तो क्या यह फायदे का सौदा होगा? मोदी जैसी प्रवृत्ति लोगों को कायर बनाती है.’ उन्होंने कहा, 'ईमानदार होना स्वाभाविकता है, कोई दैवीय गुण नहीं जिसकी पूजा हो. रेलगाड़ियां समय पर ही चलनी चाहिए, दफ्तरों में कामकाज अच्छे तरीके से ही होना चाहिए. किसी राजनीतिक पार्टी के भुलावे में आने की बजाय हमें ऐसी समांतर सामाजिक सोच विकसित करनी होगी जिससे भ्रष्टाचार खत्म हो.'
सामाजिक राजनीतिक विषयों पर हमेशा मुखर माने जाने वाले अनंतमूर्ति ने कहा, ‘हमारे देश के प्रधानमंत्री को विकसित देशों को बताना चाहिए कि हमारे पास एक विकास का मॉडल है ‘सर्वोदय’ जो सतत विकास की ओर जाता है. इस दिशा में एकजुट होकर काम किया जाना चाहिए ताकि यह पृथ्वी ज्यादा लंबे समय तक रहने योग्य बनी रहे.’
मुजफ्फरनगर में हुए दंगे बेहद दुखद
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में हाल में हुए दंगे के बारे में उन्होंने कहा, 'उस प्रांत में मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी का शासन है और वह समाजवादी रहे हैं. मुजफ्फरनगर की घटना बेहद दुखद है. लोहिया के शिष्यों ने उन्हें धोखा दिया है. बदले में हम हमेशा अतिरेक करते हैं. इससे बचने की हर कोशिश होनी चाहिए. एक मोटी सी बात है कि अगर आप किसी वजह से किसी को दुश्मन मानते हैं और उसकी आंखों में आखें डाल कर देखते हैं तो आप उस जैसे हो जाते हैं.'