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राज्यसभा में पास होने के बावजूद क्यों दोबारा लोकसभा में जाएगा मोटर व्हीकल बिल?

संसद के दोनों सदनों से पास होने के बावजूद मोटर व्हीकल अमेंडमेंट बिल को अब फिर से लोकसभा में पेश करने की सरकार के सामने मजबूरी है. जानिए क्यों?

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लोकसभा में फिर से पेश होगा मोटर व्हीकल बिल. (फोटो-पीटीआई)
लोकसभा में फिर से पेश होगा मोटर व्हीकल बिल. (फोटो-पीटीआई)

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से लाए गए मोटर व्हीकल अमेंडमेंट बिल को बुधवार को राज्यसभा से भी मंजूरी मिल गई. दोनों सदनों से पास होने के बावजूद यह बिल अब दोबारा लोकसभा में पेश किया जाएगा. वजह है बिल की छपाई में हुईं कुछ गलतियां. जिसे तीन बार संशोधनों के जरिए दूर किया गया है. बताया जा रहा है कि लोकसभा के बाद दोबारा इसे राज्यसभा में भेजने की जरूरत नहीं होगी. क्योंकि राज्यसभा में पास होने से पहले बिल की छपाई से जुड़ी सभी गड़बड़ियां दूर कर ली गईं थीं. बुधवार को राज्यसभा में मत विभाजन के दौरान बिल के पक्ष में 108 और विपक्ष में सिर्फ 13 वोट पड़े थे.

दस गुना तक देना पड़ेगा जुर्माना

मोटर व्हीकल अमेंडमेंट बिल दोनों सदनों से पास हो चुका है. इसके कानून बनने के लिए अब सिर्फ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हस्ताक्षर होने हैं. इसके बाद यह अधिनियम अमल में आ जाएगा. हालांकि राज्यों में मोटर व्हीकल के नए नियम वहां की सरकारों की ओर से जारी अधिसूचना के बाद लागू होंगे. इस बिल में सड़क पर चलने के दौरान नियम-कायदे तोड़ने पर दस गुना जुर्माने का प्रावधान किया गया है. सबसे न्यूनतम चालान भी अब सौ नहीं बल्कि पांच सौ रुपए का होगा. बिना हेलमेट बाइक चलाने पर 100 नहीं अब 1000 रुपए देने होंगे. इसी तरह बिना सीट बेल्ट पर भी एक हजार रुपए की पेनाल्टी होगी.

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तेज रफ्तार वाहन चलाने पर एक हजार नहीं, अब पांच हजार रुपए देने होंगे. बिना लाइसेंस ड्राइविंग करने पर पांच हजार रुपए का अर्थदंड देना होगा. शराब पीकर गाड़ी चलाने पर दस हजार रुपए तक जुर्माना लग सकता है. पहले यह राशि 2,000 रुपए थी. इसी तरह गाड़ी चलाते समय फोन पर बात करने के दौरान ट्रैफिक पुलिस ने पकड़ा तो पांच हजार रु. का जुर्माना देना पड़ेगा.

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