जम्मू-कश्मीर में दोहरे आतंकी हमले के बाद भी प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अमेरिका में अपने पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ से मुलाकात करेंगे. विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, हमले का मुलाकात पर असर नहीं पड़ेगा.
सूत्रों की मानें तो प्रधानमंत्री शरीफ से मिलने को इसलिए तैयार हो गए हैं क्योंकि वह उनसे आतंकवाद के मुद्दे पर बात करना चाहते हैं. बताया जा रहा है कि जम्मू हमले के बाद अब पीएम और भी जोर-शोर से यह मुद्दा उठाएंगे.
हालांकि अब तक विदेश मंत्रालय या प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आी है. हमले के बाद विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने सधे हुए शब्दों में सिर्फ इतना कहा था, 'अभी मुलाकात में चार दिन बाकी हैं, देखिए क्या होता है.'
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शुरू से ही प्रधानमंत्री और उनके विदेश नीति के सलाहकार शरीफ से मुलाकात की बात को दबाने-छिपाने की कोशिश करते रहे. पीएम के अमेरिका रवाना होने से एक घंटे पहले ही मुलाकात तय होने की पुष्टि की गई, जबकि कई अधिकारी हफ्तों पहले से ही इस बारे में जानते थे.
हालांकि कई जानकारों का मानना है कि यह हमला दोनों देशों के बीच शांति स्थापना की प्रक्रिया को शुरू होने से पहले ही ग्रहण लगा सकता है. विपक्ष भी पाकिस्तान से बातचीत को लेकर प्रधानमंत्री का लगातार विरोध करता रहा है.
फिर भी अगर प्रधानमंत्री आगे बढ़ते हैं तो यह मानने के पर्याप्त कारण हैं कि उनके कदम इस बार बेहद सतर्क होंगे.