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देवयानी खोबरागड़े मामले में भारत की कड़ी प्रतिक्रिया से हैरान थे अमेरिकी अधिकारी

राजनयिक देवयानी खोबरागड़े की गिरफ्तारी को लेकर भारत की ओर से कड़ा रुख अपनाने पर अमेरिका को उन खामियों पर गौर करने के लिए विवश होना पड़ा, जिनकी वजह से भारत के साथ विवाद हुआ तथा दोनों देशों के संबंधों में तनाव आ गया.

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देवयानी खोबरागड़े
देवयानी खोबरागड़े

राजनयिक देवयानी खोबरागड़े की गिरफ्तारी को लेकर भारत की ओर से कड़ा रुख अपनाने पर अमेरिका को उन खामियों पर गौर करने के लिए विवश होना पड़ा, जिनकी वजह से भारत के साथ विवाद हुआ तथा दोनों देशों के संबंधों में तनाव आ गया.

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व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद, विदेश विभाग और न्याय विभाग सहित अमेरिका के कई विभाग इस समीक्षा में शामिल हैं.

सूत्रों ने बताया, ‘अंतर-एंजेसी समीक्षा चल रही है, ताकि उन खामियों पर गौर किया जा सके जिनके कारण यह मामला हुआ.’ सूत्रों ने माना कि इस मामले से निपटने में ‘परख संबंधी त्रुटि’ हुई है. उन्होंने कहा कि इस अंतर-एजेंसी समीक्षा दल का नेतृत्व अमेरिकी विदेश विभाग कर रहा है. यह दल इस मामले को निपटाने के लिए 24 घंटे काम कर रहा है.

देवयानी का मामला अब न्यायपालिका में है और बहुत कुछ न्यायाधीशों पर निर्भर करता है. इसी को देखते हुए न्याय विभाग को सक्रिय रूप से शामिल किया गया है.

ऐसा माना जाता है कि रक्षा विभाग ने उस तरीके को लेकर नाखुशी जाहिर की है, जिस तरीके से इस मामले को लेकर कार्रवाई की गई.

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अधिकारियों का कहना है कि पेंटागन भारत के साथ रिश्तों में किसी तरह का तनाव नहीं देखना चाहता है, क्योंकि इस वक्त वह एशिया प्रशांत क्षेत्र को लेकर अपनी नीति की समीक्षा कर रहा है और भारत इस क्षेत्र का महत्वपूर्ण देश है.

देवयानी न्यूयॉर्क में भारत में उप महावाणिज्य दूत थीं. उन्हें अपनी घरेलू सहायिका संगीता रिचर्ड के वीजा आवेदन में गलत तथ्य देने के मामले में गिरफ्तार किया गया. बाद में उन्हें ढाई लाख डॉलर के मुचलके पर जमानत मिली.

इस मामले पर भारत की सख्त प्रतिक्रिया से अमेरिकी अधिकारी पूरी तरह से हिल गए और उन्हें इसका यकीन नहीं हो रहा था. खासकर वे अधिकारी ज्यादा हैरान थे, जो विदेश नीति मामले देखते हैं, क्योंकि नई दिल्ली से ऐसी प्रतिक्रिया की उम्मीद नहीं की गई थी.

भारत-अमेरिका संबंधों के प्रभारी अमेरिकी सरकार के वरिष्ठ अधिकारी और सांसद अब यह कह रहे हैं कि इस मामले पर आगे बढ़ने से पहले इस गिरफ्तारी के ‘गुण और दोष’ के बारे में गंभीरता से नहीं सोचा गया था.

अमेरिकी प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया, 'हमें महसूस हुआ है. हमें परिणाम भुगतना होगा.' भारत ने जोर दिया है कि इस तरह की गिरफ्तारी न सिर्फ विएना कनवेंशन का उल्लंघन है, बल्कि भारत-अमेरिका संबंध की उस भावना के खिलाफ है जिसके लिए राष्ट्रपति बराक ओबामा पिछले पांच सालों से प्रयासरत हैं.

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