कोरोना वायरस संक्रमण के चलते फ्लाइट में बीच की सीट खाली रखने पर डीजीसीए ने एयरलाइंस को फरमान जारी किया है. डीजीसीए ने कहा है कि एयरलाइंस टिकट इस हिसाब से बुक करें ताकि दो पैसेंजर के बीच वाली सीट खाली रह सके.
हालांकि, डीजीसीए ने ये भी कहा है कि अगर पैसेंजर की संख्या ज्यादा हो और बीच की सीट खाली रखना संभव न हो तो ऐसी स्थिति में बीच वाले पैसेंजर की सुरक्षा के पुख्ता इंतेजाम किये जाएं. जबकि तीनों पैसेंजर अगर एक ही परिवार के हों तो बीच वाली सीट खाली रखने की जरूरत नहीं है.
डीजीसीए ने कहा है कि अगर पैसेंजर की अधिकता होने के चलते बीच वाली सीट पर भी टिकट जारी करने पड़ें तो ऐसी स्थिति में उस सीट पर बैठने वाले शख्स की सुरक्षा का खास ध्यान रखा जाये. ऐसे पैसेंजर को थ्री लेयर मास्क और फेस शील्ड उपलब्ध कराई जाए ताकि कोरोना वायरस के संक्रमण से पैसेंजर का पूरी तरह बचाव हो सके.
बता दें कि यात्रियों की सुरक्षा का यह मुद्दा बॉम्बे हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा था. बॉम्बे हाई कोर्ट ने सोशल डिस्टेंसिंग के मद्देनजर फ्लाइट में बीच की सीट की खाली रखने का आदेश दिया था. इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिस पर सुनवाई करते हुये सर्वोच्च अदालत ने कहा था कि 10 दिनों तक ही पूर्ण उड़ानें चलाई जा सकती हैं, क्योंकि बुकिंग पहले ही हो चुकी है. इसके बाद मिडिल सीट पर बुकिंग नहीं ली जायेगी.
डीजीसीए ने अपनी नई गाइडलाइंस जारी करते हुये कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुये यात्रियों की सुरक्षा के मुद्देनजर सिविल एविएशन मंत्रालय ने 26 मई को एक एक्सपर्ट कमेटी गठित की थी. कमेटी ने अपने सुझाव मंत्रालय को सौंप दिये हैं. सुझाव के आधार पर यह फैसला किया गया है कि सभी यात्रियों को पूर्ण सुरक्षा दी जाएगी जिसके मद्देनजर एयरलाइंस को मिडल सीट बुक नहीं करेंगी. अगर ऐसा करना पड़ता है तो पैसेंजर की सेफ्टी का खास ध्यान रखना होगा.