विमानन नियामक नागर विमानन महानिदेशालय(डीजीसीए) ने स्पाइसजेट के दो पायलटों पर कार्रवाई की है. डीजीसीए ने दोनों पायलटों को तीन महीने के लिए सस्पेंड कर दिया है. दोनों पायलट पर रनवे पर बिना इजाजत के विमान को उतारने का आरोप है. यह घटना 27 सितंबर की है. डीजीसीए ने अपनी जांच में दोनों को दोषी पाया.
मिली जानकारी के मुताबिक डीजीसीए ने पायलटों से इस बारे में 15 दिनों के भीतर जवाब मांगा है. डीजीसीए ने पूछा है कि विमान को क्यों उतारा गया. डीजीसीए के बयान के मुताबिक पायलटों ने इस बात को माना है कि वे होल्डिंग प्वॉइंट से आगे विमान को ले गए.
डीजीसीए ने पायलटों को सो-काज नोटिस जारी किया है और पायलटों से इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.
इससे पहले विमानन नियामक नागर विमानन महानिदेशालय(डीजीसीए) ने जुलाई में भी दो पायलटों का फ्लाइट लाइसेंस 6 महीने के लिए सस्पेंड कर दिया था. स्पाइस जेट के पायलट सौरभ गुलिया और आरती गुणशेखरन के खिलाफ यह कार्रवाई की गई थी.
पायलटों पर आरोप है था कि कोलकाता हवाईअड्डे पर विमान को उतारते समय रनवे के किनारे लगे लाइट मैनेजमेंट को नुकसान पहुंचाया था. यह घटना दो जुलाई की थी. फ्लाइट पुणे से कोलकाता जा रही थी.
डीजीसीए ने अपने आदेश में कहा था कि दोनों पायलटों ने अपने उत्तर संतोषजनक नहीं दिए हैं इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई की गई. स्पाइस जेट के विमान ने निर्धारित जगह से करीब 1,300 फीट बाद रनवे को टच किया था जिसकी वजह से विमान रनवे की सेंटर लाइन से दांयी ओर घूम गया और किनारे पर लगी लाइट्स को छूते हुए निकला.
डीजीसीए ने दोनों पायलटों को सो-काज नोटिस जारी किया था. डीजीसीए को पायलटों का उत्तर संतोषप्रद नहीं लगा जिसके बाद यह कार्रवाई की गई.वहीं एक अन्य मामले में एयर इंडिया के एक पायलट को भी निलंबित किया गया था.