केंद्र सरकार की ओर से पेट्रोल, डीजल के उत्पाद शुल्क में दो रुपये प्रति लीटर की कटौती के बाद अब केंद्र चाहता है कि राज्य सरकारें भी इन ईंधनों पर लगने वाले वैट में पांच प्रतिशत की कटौती करें, ताकि ग्राहकों को और राहत मिल सके.
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि मैं और वित मंत्री दोनों ही सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर 5 प्रतिशत वैट कम करने की अपील करेंगे. केंद्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी में कमी कर दी है. जिससे गरीब लोगों को और किसानों को फायदा मिला है. पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि सभी राज्यों को भी वैट कम करके अपने प्रदेशों की जनता को राहत देनी चाहिए. केंद्र सरकार ने अपना काम पूरा कर दिया है. राज्य सरकारों को भी अपना काम पूरा करना है.
उन्होंने कहा, पेट्रोलियम मंत्रालय का ये सुझाव पहले से है कि पेट्रोल, डीज़ल और गैस को जीएसटी के अंदर लाना चाहिए. ये किसी एक के सुझाव से होने वाला नहीं है. इसके लिए सभी राज्यों की सहमति होनी चाहिए.
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि जो राहत केंद्र सरकार को जनता को देनी चाहिए उसके लिए प्रधानमंत्री मोदी जी एक्साइज ड्यूटी कम कर दी है. उन्होंने कहा कि सरकार की आलोचना करना विपक्ष का काम है. मैं उनकी आलोचना का स्वागत करता हूं.
उन्होंने कहा कि सरकार ने फैसला में कोई देरी नहीं की है. पहले हमने केंद्र सरकार के टैक्स में कमी की है. अब राज्यों को भी कह रहे हैं कि वो भी 5 प्रतिशत वैट में कमी करके जनता को और ज़्यादा फ़ायदा दें. हमने जब एक्साइज़ ड्यूटी बढ़ाई थी तब वित मंत्री अरुण जेटली ने विपक्ष के सवाल का जवाब देते हुए कहा था कि जब जनता को ये एक्साइज़ ड्यूटी चुभने लगेगी तब कम कर देंगे.
उन्होंने कहा कि आज हमें लगा कि एक्साइज़ ड्यूटी जनता को चुभ रही है तो हमने कम कर दी. उन्होंने कहा कि इस अपील को बीजेपी शासित राज्यों और गैर बीजेपी शासित राज्यों के रूप में नहीं देखना चाहिए. जनता को फायदा मिले इसके लिए राज्यों को वैट में 5 प्रतिशत की कमी करनी ही चाहिए.
गौरतलब है कि केंद्र ने मंगलवार को पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 21.48 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 19.48 रुपये प्रति लीटर तथा डीजल पर 17.33 रुपये से घटाकर 15.33 रुपये कर दिया था. जिसके बाद पेट्रोल की कीमत में लगभग 2 रुपये 50 पैसे और डीजल की कीमत में 2 रुपये 25 पैसे की कमी आई थी.