केंद्र सरकार ने केंद्रीय विश्वविद्यालयों और वहां पढ़ाने वाले शिक्षकों को दिवाली का तोहफा दिया है. बुधवार को कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए. केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि कैबिनेट की बैठक में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को मंजूरी दे दी गई है.
इस फैसले से यूजीसी व केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा वित्तपोषित कॉलेजों और 106 विश्वविद्यालयों के 7.58 लाख शिक्षकों व समकक्ष अकादमिक स्टाफ को फायदा होगा. इसके अलावा इस फैसले से राज्य सरकारों से सहायता प्राप्त 329 विश्वविद्यालयों और 12,912 कॉलेजों को भी फायदा होगा.
उन्होंने कहा कि कैबिनेट के फैसले से केंद्र सरकार की सहायता प्राप्त 213 संस्थानों, 329 राज्य संस्थानों और 12,912 कॉलेजों को भी फायदा होगा. जावड़ेकर ने कहा कि शिक्षकों को सातवें वेतन का लाभ एक जनवरी 2016 से मिलेगा. उन्होंने कहा कि कि संशोधित वेतन पैकेज का फायदा IITs, IIMs, TRIPLE IIT जैसे 119 संस्थानों को भी मिलेगा. इस फैसले से सालाना केंद्रीय वित्तीय देनदारी करीब 9800 करोड़ रूपये होगी.#Cabinet approves revision of pay scales for about 8 lakh teachers and other equivalent academic staff pic.twitter.com/vq2SgHK958
— Frank Noronha (@DG_PIB) October 11, 2017
इस संशोधन से शिक्षकों के वेतन में 10,400 रूपये से लेकर 49,800 रूपये तक की वृद्धि होगी. शिक्षकों के वेतन में अलग-अलग श्रेणियों में 22 प्रतिशत से लेकर 28 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी होगी. इसके अलावा कैबिनेट की बैठक में स्किल इंडिया मिशन को बढ़ावा देने के लिए दो नई योजनाएं शुरू करने का निर्णय लिया गया. इसके लिए संकल्प और स्ट्राइव योजनाओं की शुरुआत की जाएगी. साथ ही SEBI और FSC, जिब्राल्टर के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाएंगे.
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भारत अपने कार्यबल के कौशल विकास पर जोर देने के साथ अन्य देशों को कुशल कार्यबल मुहैया कराने पर ध्यान दे रहा है. वहीं, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि अगले तीन साल में एक लाख भारतीय युवाओं को जापान में प्रशिक्षण के लिए भेजा जाएगा.
इस दौरान केंद्रीय कैबिनेट ने व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण के क्षेत्र में भारत और बेलारूस के बीच एमओयू को मंजूरी दी. साथ ही आईएएलए को अपना दर्जा गैर-सरकारी संगठन से बदलकर अन्त: सरकारी संगठन किए जाने को भी स्वीकृत दी गई. दिल्ली के शास्त्री भवन में आयोजित संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद मौजूद रहे.