दक्षिण अफ्रीका पर दूसरे क्रिकेट टेस्ट में सनसनीखेज जीत दर्ज करके श्रृंखला बराबर करने वाले भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने जीत का श्रेय पूरी टीम को देते हुए कहा कि बल्लेबाजों और गेंदबाजों ने अपनी भूमिका बखूबी निभायी.
धोनी ने मैच के बाद कहा, ‘बड़ा स्कोर बनाने के बाद मैच पर गिरफ्त हमेशा बनी रहती है. यहां विकेट टर्न नहीं ले रहा था लिहाजा पहली पारी में स्पिनरों को कोई मदद नहीं मिली. इसके बावजूद हरभजन सिंह और अमित मिश्रा ने उम्दा गेंदबाजी की.’ उन्होंने कहा, ‘दूसरे और तीसरे दिन हमें अधिकतम बल्लेबाजी करने को मिली जो फायदेमंद रहा. इसके बाद आज पांचवें और आखिरी दिन गेंदबाजों ने अंतिम सत्र में जीत पक्की कर दी. यही मैच के निर्णायक मोड़ रहे.’
हाशिम अमला और मोर्ने मोर्कल के बीच आखिरी विकेट की लंबी साझेदारी के कारण आखिरी आधे घंटे में दबाव की बात को खारिज करते हुए धोनी ने कहा कि उन हालात में कुछ नहीं किया जा सकता था लिहाजा हम भी मौके की तलाश में ही थे. उन्होंने कहा, ‘मैं दबाव में नहीं था क्योंकि उस समय मेरे हाथ में कुछ नहीं था. मुझे जहीर खान की कमी जरूर खल रही थी. जीत के इतने करीब पहुंचकर ड्रा खेलने से दुख जरूर होता.’
धोनी ने फार्म में लौटे ईशांत शर्मा की भी तारीफ की.
आखिरी विकेट लेने वाले हरभजन की खास तौर पर तारीफ करते हुए उन्होंने कहा, ‘अनिल भाई (कुंबले) के रिटायर होने के बाद से भज्जी पर बड़ी जिम्मेदारी है और वह इसे बखूबी निभा रहा है.’ दक्षिण अफ्रीकी कप्तान ग्रीम स्मिथ ने मैच हारने पर निराशा जताते हुए कहा कि उनकी टीम मैच बचाने की स्थिति में थी लेकिन भारतीयों ने बेहतरीन प्रदर्शन करके यह मौका मयस्सर नहीं होने दिया.
स्मिथ ने कहा, ‘एम एस धोनी की टीम को इस जीत का पूरा श्रेय जाता है. उन्होंने बेहद पेशेवर तरीके से खेलकर हमें खेल के हर विभाग में उन्नीस साबित कर दिया.’ उन्होंने कहा, ‘नागपुर टेस्ट में भारत ने जो गलतियां की, उन्हें हमने यहां दोहराया. अच्छी शुरुआत के बाद विकेट जल्दी गंवाये और कैच भी छोड़े. इसके बावजूद मुझे अपनी टीम पर गर्व है कि इतने दबाव में खेलते हुए भी हम इस मुकाम तक पहुंचे. उम्मीद है कि अगली बार जीतकर लौटेंगे.’ स्मिथ ने कहा, ‘भारतीय पिचों पर पांचवें दिन बल्लेबाजी करना काफी चुनौतीपूर्ण होता है. ऐसे में अमला ने बेहद सूझबूझ का परिचय दिया.
पूरी श्रृंखला में उसने बेहतरीन प्रदर्शन किया है.’ दो मैचों में 490 रन बनाकर मैच आफ द सीरिज और दूसरे मैच की दोनों पारियों में शतक लगाकर मैन आफ द मैच बने. अमला ने इस बात से इनकार किया कि वह अपने कैरियर के चरम पर हैं लेकिन कहा कि भारत में अच्छा खेलकर उन्हें बहुत खुशी हुई है. उन्होंने कहा, ‘यह मेरे कैरियर का चरम नहीं है. उम्मीद है कि मैं आगे इससे भी अच्छा खेलूंगा. यहां रन बनाकर अच्छा लग रहा है और वनडे श्रृंखला में भी इस लय को कायम रखने की कोशिश करूंगा.’
उन्होंने कहा कि आखिरी आधे घंटे में मैच बचाने के लिये उन्होंने रक्षात्मक रणनीति अपनाई थी और मोर्कल ने उनका पूरा साथ दिया. अमला ने कहा, ‘आखिरी आधा घंटा काफी तनावपूर्ण था. हम रक्षात्मक रणनीति के साथ खेल रहे थे. मोर्कल काफी उपयोगी पुछल्ला बल्लेबाज है जिसने मुझे पर से दबाव कम किया. मैच बचाने के इतने करीब पहुंचकर हारने से मायूसी जरूर हुई.’