यह तो साफ हो चुका है कि पंजाब के गुरदासपुर में 27 जुलाई को हुए आतंकी हमले के पीछे लश्कर-ए-तैयबा का हाथ था, लेकिन अब खुफिया एजेंसियां इस हमले में जमात-उद-दावा के चीफ हाफिज सईद की भूमिका पता लगाने की कोशिश कर रही हैं. सईद ही मुंबई के 26/11 हमले का मास्टरमाइंड था.
पंजाबी बोलते हैं लश्कर के आतंकी
दीनानगर में हुए हमले में तीन आतंकी मारे गए थे और पंजाब के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी बलजीत सिंह इस हमले में शहीद हुए थे. सूत्रों का कहना है कि लश्कर के काम करने वाले ज्यादातर आतंकी पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के हैं, जो न सिर्फ पंजाबी बोलते हैं, बल्कि उनका रहन-सहन भी भारत के पंजाबियों जैसा है.
आतंकी ने एसपी को पंजाबी में दी थी गाली
एक आतंकी को एसपी (डिटेक्टिव) बलजीत सिंह ने कहा था, 'पियो दा पुत्तर है तो सामने आ.' ये सुनकर आतंकी ने उन्हें पंजाबी में गाली थी. हालांकि आतंकी ने उनकी चुनौती स्वीकार नहीं की थी, लेकिन उनके सिर पर गोली मार दी थी. सिंह ने हेल्मेट नहीं पहना हुआ था.
लश्कर को संरक्षण देता है सईद का संगठन
यह पहले ही साफ हो चुका है कि हाफिज सईद का संगठन जमात-उद-दावा लश्कर को संरक्षण देता है. खास बात यह है कि दोनों ही आतंकी संगठनों का हेडक्वार्टर मुरीदके कस्बे हैं, जहां पहुंचने के लिए लाहौर से लगभग एक घंटे का सड़क से सफर करना पड़ता है.
जब आईजीपी बॉर्डर ईश्वर चंद्र से संपर्क किया गया तो उन्होंने इस हमले में सईद की भूमिका पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया, लेकिन यह जरूर कहा कि हमने अभी तक जो भी सबूत जुटाए हैं, उनकी गहराई से जांच और विश्लेषण किया जा रहा है.