तिहाड़ जेल में ख़ुदकुशी, वो भी ऐसे हाई प्रोफाइल केस के मुख्य आरोपी की, जिसे लेकर पूरे देश में तहलका मचा हुआ था. ज़ाहिर है सवाल तो उठते हैं. आख़िर कैसे कोई कैदी, जेल की बैरक में फांसी लगा सकता है.
चौबीसों घंटे कड़ी सुरक्षा का दावा करने वाली तिहाड़ जेल के सुरक्षाकर्मी क्या नींद में मदहोश थे. रामसिंह की खुदकुशी ने तिहाड़ जेल प्रशासन के रवैये को सवालों के घेरे में ला खड़ा किया है. फांसी लगाने का तरीक़ा, वक्त और हालात और दूसरी कई बातों को लेकर अहम सवाल खड़े हो रहे हैं. अब बात करते हैं तकनीकी सवालों की.
1. राम सिंह का कद साढ़े 5 फीट था ऐसे में उसके हाथ 7 फीट ऊंचे रोशनदान तक कैसे जा पहुंचे.
2. जिस तरह बताया जा रहा है कि राम सिंह ने दरी-कंबल और कपड़ों को फाड़कर रस्सी बनाई उस पर भी सवाल उठ रहे हैं. राम सिंह की सेल में 3 कैदी और सो रहे थे. रस्सी बनाने में काफ़ी वक्त लगा होगा, अजीब बात है कि किसी को इस बात की भनक कैसे नहीं लगी.
3. बताया जा रहा है कि उसने पजामे के नाड़े का इस्तेमाल भी फांसी लगाने के लिए क्या. उसे ऐसे कपड़े क्यों दिए गए?
4. राम सिंह के घरवाले एक अहम सवाल उठा रहे हैं कि जिस शख्स का एक हाथ ख़राब था, उसने सिर्फ़ एक हाथ से किस तरह रस्सी भी बना ली, फंदा भी बना लिया और फिर एक ही हाथ के सहारे ख़ुद को फंदे से लटका भी लिया.
5. सवाल ये भी है कि राम सिंह ने फांसी लगाने के लिए सुबह 5 बजे का वक्त क्यों चुना, जबकि 5 बजे कैदियों को जगा दिया जाता है. तो क्या तिहाड़ जेल प्रशासन कुछ तथ्यों पर पर्दा डाल रहा है.
6. सवाल ये भी है कि इतनी बड़ी लापरवाही उजागर होने के बावजूद, अब तक किसी पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई.
7. राम सिंह गैंगरेप केस का मुख्य आरोपी था, उसकी सुरक्षा पर ख़ास निगाह क्यों नहीं रखी गई.
8. आपको याद होगा कि जब रामसिंह तिहाड़ में लाया गया था तो कैदियों ने बुरी तरह उसकी पिटाई की थी. उसके बाद रामसिंह को अलग सेल में रखा गया था. अब सवाल ये है कि इतना कुछ होने के बावजूद क्या राम सिंह की सेल के बाहर 24 घंटे निगरानी रखी गई थी.
9. इतने संवेदनशील मामले के आरोपियों की सुरक्षा के लिए क्या ख़ास इंतज़ाम किए गए थे.
10. और सबसे बड़ा सवाल ये कि राम सिंह की खुदकुशी से पहले जेल प्रशासन को ये अंदेशा क्यों नहीं हुआ कि वो ऐसी किसी घटना को अंजाम दे सकता है... पहले से एहतियाती इंत़ज़ाम क्यों नहीं किए गए.
राम सिंह के पिता ने खुदकुशी को लेकर शक ज़ाहिर किया है. पिता का दावा है कि राम सिंह ख़ुदकुशी करने वालों में से नहीं था. उन्होंने ने सीबीआई जांच की मांग की है. केस से जुड़े वकील भी इसे खुदकुशी मानने को तैयार नहीं.
देश को हिला देने वाले इस केस के मुख्य आरोपी ने सोमवार सुबह तिहाड़ जेल में फांसी लगा ली. रविवार रात से वो बेचैन था. उसकी बैरक में 3 और कैदी मौजूद थे. टहलते देखा था और सुबह 5 बजे जेल के गार्ड ने उसे दरवाज़े के ऊपर बने रोशनदान से लटकता पाया.
जेल अधिकारियों के मुताबिक राम सिंह ने जेल की ओर से मिली दरी, कंबल और अपने कपड़ों से रस्सी बनाई और पाज़ामे के नाड़े से फांसी का फंदा बना लिया. राम सिंह तिहाड़ की जेल नंबर 3 में बंद था. मेट्रोपोलिटन मैजिस्ट्रेट इस मामले की जांच कर रहे हैं.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी इस मामले की पूरी रिपोर्ट मांगी है. सोमवार को साकेत फास्ट ट्रैक कोर्ट में राम सिंह की पेशी होनी थी. लेकिन उससे पहले ही उसने जान दे दी. तिहाड़ जेल में गैंगरेप केस के बाकी आरोपियों की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. उन सभी पर चौबीसों घंटे पैनी नज़र रखने के इंतज़ाम किए गए हैं.
अब हर सेल के सामने एक पुलिसकर्मी रखवाली करेगा. इस बीच, क्राइम इनवेस्टिगेशन टीम ने भी अपनी तफतीश शुरू कर दी है. दूसरी तरफ़, गैंगरेप केस के बाकी 4 आरोपियों को साकेत फास्ट ट्रैक कोर्ट में पेश किया गया है.