केंद्र में राजनीतिक हलचल तेज होने के बाद खबरें आ रहीं हैं कि जेडीयू प्रमुख और एनडीए के संयाजक शरद यादव ने कांग्रेस के रणनीतिकार कहे जाने वाले अहमद पटेल से मुलाकात की थी. हालांकि शरद यादव ने ऐसी खबरों को बेबुनियाद और गलत बताया है.
शरद यादव की ओर से एक लिखित बयान जारी कर बताया गया है कि बुधवार को श्रीलंका मसले पर संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने उनका पक्ष जानने के लिए उन्हें बुलाया था, जहां पहले से ही राजीव शुक्ला और अहमद पटेल बैठे हुए थे. मुझे अभिवादन करने के बाद वो दोनों वहां से निकल गए थे.
शरद यादव से इस सफाई के बाद भी राजनीतिक जानकार इसे हल्के में नहीं ले रहे हैं. बिहार में जेडीयू और बीजेपी की संयुक्त सरकार चल रही है इसके बावजूद दोनों के रिश्ते उतने मजबूत नहीं हैं. कांग्रेस भी नीतीश कुमार के बिहार को स्पेशल स्टेटस के बहाने उसपर डोरे डालने पर लगी हुई है. लोकसभा में जेडीयू के पास 20 सांसद हैं. सरकार से डीएमके की समर्थन वापस लेने के बाद केंद्र सरकार के ऊपर अविश्वास प्रस्ताव का खतरा मंडरा रहा है. वैसे कहा भी गया है कि राजनीति में कोई भी दुश्मन नहीं होता है.