द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) अध्यक्ष एम. करुणानिधि ने तेल विपणन कंपनियों को ईंधन का मूल्य 50 पैसा प्रति माह बढ़ाने की छूट देने संबंधी केंद्र सरकार के फैसले की निंदा करते हुए कहा है कि इससे गरीब और मध्यम तबके के लोगों के जीवन स्तर पर बुरा प्रभाव पड़ेगा.
केंद्र सरकार के एक बड़े साझीदार दल डीएमके के मुखिया करुणानिधि ने एक बयान में कहा है, 'यहां तक कि डीजल में अत्यल्प वृद्धि की तेल कंपनियों को अनुमति भी एक गलत फैसला है.' उन्होंने कहा है कि डीजल के दाम में वृद्धि का प्रभाव अन्य उत्पादों के दाम पर भी पड़ेगा जिससे गरीब और मध्यम वर्ग पर असहनीय बोझ बढ़ेगा.
केंद्र सरकार से फैसले पर पुनर्विचार का आग्रह करते हुए करुणानिधि ने कहा है कि केवल सितंबर में ही डीजल के दाम में 5.63 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि हुई है. सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडरों की संख्या 12 करने संबंधी एक संसदीय समिति की सिफारिश का हवाला देते हुए डीएमके प्रमुख ने कहा कि सरकार हर महीने सब्सिडी वाले एक सिलेंडर की आपूर्ति सुनिश्चित करे और अतिरिक्त बोझ वहन करे.