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रणनीति पर थी बैठक, पर बीजेपी है कि मतभेद खत्म होते ही नहीं!

बीजेपी है कि मतभेद खत्म होते ही नहीं. बीजेपी संसदीय दल की बैठक में एक बार फिर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच मतभेद खुलकर सामने आ गए.

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सुषमा स्वराज
सुषमा स्वराज

बीजेपी में मतभेद खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहे. बीजेपी संसदीय दल की बैठक में एक बार फिर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच मतभेद खुलकर सामने आए.

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सूत्रों के हवाले से खबर है कि इस बैठक में सुषमा स्वराज और अरुण जेटली कई मुद्दों पर एक दूसरे से सहमत नहीं दिखे. दोनों नेताओं के बीच मतभेद का मुद्दा बना आरटीआई संशोधन बिल, भूमि अधिग्रहण बिल और राष्ट्रीय न्यायिक आयोग का गठन.

दरअसल, मंगलवार सुबह बीजेपी संसदीय दल की बैठक हुई. एजेंडा था मॉनसून सत्र के बचे हुए दिनों में पार्टी की रणनीति क्या हो. पर रणनीति तो दूर की बात अब तक जो संसद में हुआ उसे ही लेकर मतभेद सामने आ गए.

आरटीआई संशोधन बिल पर मतभेद
असहमति का पहला मुद्दा था राजनीतिक पार्टी को आरटीआई के दायरे से बाहर रखने वाला आरटीआई संशोधन बिल. इस विधेयक पर सुषमा स्वराज का कहना था कि पार्टी को इन संशोधनों का समर्थन करना चाहिए. हालांकि अरुण जेटली ने ठीक इसके उलट कहा कि सासंदों या फिर राजनेताओं को किसी भी जांच से ऊपर नहीं होना चाहिए. आखिरकार बैठक में कोई स्पष्ट निर्णय नहीं लिया जा सका.

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भूमि अधिग्रहण बिल पर भी नहीं बनी बात
भूमि अधिग्रहण विधेयक लोकसभा में पास हो चुका है, जिसका समर्थन बीजेपी ने भी किया था. लेकिन राज्यसभा में पार्टी इस बिल में कुछ संशोधन चाहती है जिस पर सरकार राजी हो गई है. ये संशोधन सरकार द्वारा लाए जाएंगे, इसलिए बिल एक बार फिर से लोकसभा में भेजा जाएगा.

राष्ट्रीय न्यायिक आयोग का गठन
अरुण जेटली न्यायिक नियुक्तियों को लेकर राष्ट्रीय न्यायिक आयोग के गठन वाले विधेयक के पक्ष में हैं. पर सुषमा स्वराज चाहती हैं कि इस बिल को स्थायी समिति में भेजा जाए.

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