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एशियाड में मुक्केबाजों के लिये मुश्किल: संधू

भारतीय टीम के कोच गुरबक्श सिंह संधू ने कहा कि राष्ट्रमंडल खेलों में उनके मुक्केबाजों ने राष्ट्रमंडल खेलों में भले ही शानदार प्रदर्शन किया हो लेकिन अगले महीने होने वाले एशियाई खेलों में इसका दोहराव करना काफी मुश्किल होगा.

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भारतीय टीम के कोच गुरबक्श सिंह संधू ने कहा कि राष्ट्रमंडल खेलों में उनके मुक्केबाजों ने राष्ट्रमंडल खेलों में भले ही शानदार प्रदर्शन किया हो लेकिन अगले महीने होने वाले एशियाई खेलों में इसका दोहराव करना काफी मुश्किल होगा.

संधू ने कहा कि एशियाई खेलों के लिये आराम करने और ‘रिकवरी’ के लिये काफी कम समय बचा है. भारतीय मुक्केबाजों ने हाल में समाप्त हुई राष्ट्रमंडल खेलों में तीन स्वर्ण और चार कांस्य पदक हासिल कर 2006 मेलबर्न राष्ट्रमंडल खेलों से अपना बेहतर प्रदर्शन किया.

सुरंजय सिंह (52 किग्रा), मनोज कुमार (64 किग्रा) और परमजीत समोटा (प्लस 91 किग्रा) ने स्वर्ण पदक जबकि विजेंदर सिंह (75 किग्रा), अमनदीप सिंह (49 किग्रा), दिलबाग सिंह (69 किग्रा) और जय भगवान (60 किग्रा) को सेमीफाइनल में हारकर कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा.

एक कार्यक्रम में मोनेट ग्रुप ने इन सभी मुक्केबाजों को नकद राशि पुरस्कार देकर सम्मानित किया. स्वर्ण पदक जीतने वालों को तीन तीन लाख जबकि कांस्य पदक जीतने वाले मुक्केबाजों को एक एक लाख रूपये की नकद राशि दी गयी.

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संधू ने कार्यक्रम में कहा, ‘एशियाई खेल बहुत करीब हैं. अगर हमारे मुक्केबाजों को और समय मिलता तो उन्हें आराम करने और रिकवरी का समय मिल जाता. यह हमारे लिये अच्छा होता. जश्न मनाने में भी काफी समय निकल रहा है. लेकिन कार्यक्रम इसी प्रकार है और हम इसमें ज्यादा कुछ नहीं कर सकते.’

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