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HRD मंत्रालय का ऐलान- 2017 से डिग्रियां और सर्टिफिकेट डिजिटल फॉर्म में ही मिला करेंगे

सबसे पहले पूरे देश के विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों का डाटाबेस बनाया गया है. इसमें CBSE को भी शामिल किया जा रहा है. यहां हरेक छात्र से जुड़ी तमाम जानकारी डाली जा रही है. परीक्षा पास करने के बाद छात्रों को दीक्षांत समारोह में डिजि‍टल डिग्री दी जाएगी.

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2017 से शैक्षिक डिग्रियां और सर्टिफिकेट डिजिटल होंगे
2017 से शैक्षिक डिग्रियां और सर्टिफिकेट डिजिटल होंगे

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दसवीं-बारहवीं के सर्टिफिकेट हों या ग्रेजुएशन, मास्टर्स या फिर पीएचडी और डी लिट जैसी डिग्रियां. केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने अगले साल तक कागजी डिग्रियों और प्रमाणपत्रों को इतिहास के बक्से में बंद कर देने की समय सीमा तय कर दी है क्योंकि अब छात्रों को डिजिटल डिग्रियां दी जाएंगी. साथ ही डिग्रियों और सर्टिफिकेटों को डिजfटल लॉकर्स में सुरक्षित रखा जाएगा.

मौजूदा दौर की जरूरत है डिजीटलीकरण
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि युवा सोच और उनकी आज की जरूरतों को ध्यान में रखकर यह फैसला लिया गया है. इस नए कदम के लिए आईटी मंत्रालय के साथ समुचित तालमेल कर तकनीकी तैयारी तेजी से चल रही है.

दीक्षांत समारोह में दी जाएगी डिजिटल डिग्री
सबसे पहले पूरे देश के विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों का डाटाबेस बनाया गया है. इसमें CBSE को भी शामिल किया जा रहा है. यहां हरेक छात्र से जुड़ी तमाम जानकारी डाली जा रही है. परीक्षा पास करने के बाद छात्रों को दीक्षांत समारोह में डिजीटल डिग्री दी जाएगी. कागजी डिग्री का सिस्टम खत्म करना छात्रों को, सरकार को, समाज को और सबसे ज्यादा पर्यावरण को लाभ पहुंचाएगा.

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दूर होंगी छात्रों और संस्थानों की मुश्किलें
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक कई विश्वविद्यालयों से शिकायत आई थी कि उनके अभिलेखागारों में पुरानी डिग्रियां भरी पड़ी हैं. दशकों हो गए कोई लेने ही नहीं आया. अब कब तक ऐसी डिग्रियों को संभाला जाएगा. वहीं कई छात्रों की तरफ से शिकायत मिली थी कि क्लर्क उनकी डिग्री देने के लिए कोई ना कोई बहाना बना कर पैसे मांगते हैं. अब नये सिस्टम में ऐसी सारी समस्याएं खत्म हो जाएंगी.

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