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दिल्ली: फर्जी रेप केस पर कोर्ट ने कहा, 'नहीं लौट सकता बेकसूर का सम्मान'

दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को एक व्यक्ति को बलात्कार के आरोप से बरी कर दिया क्योंकि महिला ने अपना आरोप वापस ले लिया. अदालत ने साथ ही कहा कि आरोपी की गरिमा और सम्मान बहाल करना या उसे जो अपमान, दुख, परेशानी और आर्थिक नुकसान हुआ है उसकी भरपाई करना संभव नहीं होगा.

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कोर्ट ने आरोपी को महिला के खिलाफ केस करने को कहा (Symbolic Image)
कोर्ट ने आरोपी को महिला के खिलाफ केस करने को कहा (Symbolic Image)

दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को एक व्यक्ति को बलात्कार के आरोप से बरी कर दिया क्योंकि महिला ने अपना आरोप वापस ले लिया. अदालत ने साथ ही कहा कि आरोपी की गरिमा और सम्मान बहाल करना या उसे जो अपमान, दुख, परेशानी और आर्थिक नुकसान हुआ है उसकी भरपाई करना संभव नहीं होगा.

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कोर्ट ने आरोपी को दी महिला पर केस करने की नसीहत
कोर्ट ने एक विवाहिता की ओर से दायर बलात्कार के झूठे मामले से व्यक्ति को बरी करते हुए कहा कि वह शिकायतकर्ता के खिलाफ क्षतिपूर्ति के लिए मामला दायर कर सकता है.

एडिश्नल सेशन जज निवेदिता अनिल शर्मा ने कहा, 'इस बात को नजरंदाज नहीं किया जा सकता कि इस मामले से आरोपी को भले ही बरी कर दिया गया. लेकिन उसे काफी समय तक हिरासत में रहना पड़ा और उसे अपमान, दुख, परेशानी और आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा.' जज ने कहा, 'बरी होने के बाद भले ही उस आरोपी को राहत मिली. लेकिन उसकी गरिमा और सम्मान बहाल करना या जो उसे अपमान, दुख, परेशानी और आर्थिक नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई करना संभव नहीं होगा.

पति के दबाव में दर्ज कराया फर्जी रेप केस
अभियोजन के अनुसार पिछले साल 1 नवम्बर को आरोपी कथित तौर पर शिकायतकर्ता के घर में घुस गया. चाकू का डर दिखाकर उससे बलात्कार किया और धमकी दी कि अगर उसने घटना के बारे में किसी को कुछ भी बताया तो वह उसके बेटे की हत्या कर देगा. हालांकि कोर्ट में सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता ने कहा कि उसने अपने पति के दबाव में एक झूठा मामला दर्ज कराया था क्योंकि उसके पति का आरोपी के साथ कोई आर्थिक विवाद था.

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भाषा से इनपुट

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