कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने संसद पर हमला मामले में फांसी की सजा पाये अफजल गुरु को जल्दी फांसी पर चढ़ाये जाने की हिमायत करते हुए कहा कि राष्ट्रपति के पास लंबित दया याचिकाओं को निपटाने के लिये समय सीमा होनी चाहिये.
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि उनका सदा से यह मानना रहा है कि राष्ट्रपति के पास लंबित दया याचिकाओं को निपटाने के लिए एक समय-सीमा तय होना बहुत जरूरी है.
उन्होंने कहा कि दया याचिकाओं के निपटाने में विलंब से न तो किसी को कोई फायदा होता है और न ही इससे कोई मतलब निकलता है.
उन्होंने कहा कि इस कारण से ही उनका मानना है कि अफ़जल गुरु को जल्दी फांसी दी जानी चाहिए.
गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे द्वारा हाल ही के जयपुर चिंतन शिविर में हिन्दू आतंकवाद के बारे में दिए गए वक्तव्य को लेकर उठे विवाद के बारे में कांग्रेस महासचिव ने कहा कि उन लोगों को भी माफी मांगनी चाहिए जो लोग प्रतिनिधिमंडल लेकर प्रधानमंत्री के पास आतंकवादियों को छुड़ाने के लिए गए थे.
सिंह ने कहा कि यह तो सबको पता है कि लालकृष्ण आडवाणी और राजनाथ सिंह जैसे भाजपा के नेता प्रधानमंत्री से मिले थे ताकि वे उनसे उन लोगों की रिहाई की बात कर सकें जो आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में पुलिस हिरासत में हैं.
उन्होंने कहा कि उन लोगों को भी माफी मांगनी चाहिए. कांग्रेस महासचिव ने कहा कि उनकी नजर में आतंकवाद को किसी भी धर्म से जोड़ने की कोई जरूरत नहीं है.
सिंह ने कहा कि एक आतंकवादी केवल आतंकवादी होता है और उसका इस बात से कोई लेना-देना नहीं है कि उसका धर्म क्या है. उन्होंने कहा कि उनके दस साल के लंबे मुख्यमंत्रित्व काल में एक भी सांप्रदायिक दंगा नहीं हुआ था.