बीजेपी के नरेंद्र मोदी पर सबसे तीखे हमलों की जिम्मेदारी कांग्रेस की तरफ से महासचिव दिग्विजय सिंह निभाते रहे हैं. लेकिन कल पटना की हुंकार रैली में मोदी के मुसलमानों और हिंदुओं से मिलकर गरीबी के खिलाफ लड़ने के बयान के बाद दिग्विजय के भी सुर बदल गए हैं. हमारे सहयोगी चैनल हेडलाइंस टुडे के सीनियर एडिटर जावेद अंसारी से खास बातचीत में दिग्विजय सिंह ने कहा कि यह देश के लिए बहुत अच्छी बात है कि बीजेपी और नरेंद्र मोदी जी को समझ आ गया कि हिंदू मुस्लिम एकता जरूरी है.दिग्गी ने कहा कि राजनैतिक नफा नुकसान एक तरफ, लेकिन वह चाहते हैं कि देश का हर व्यक्ति हिंदू मुस्लिम एकता पर बात करे. उन्होंने कहा कि हमें ध्यान रखना होगा कि एकता बढ़ाने के लिए राजनीतिकरण न हो और हिंदू मुस्लिम में दंगा फसाद न हो.
मोदी से दिग्गी की प्रार्थना
कोई उनके बयानों का या नरम रुख का गलत मतलब न निकाले, इसलिए दिग्विजय ने 2002 के दंगों का भी घुमा फिराकर जिक्र कर ही दिया. उन्होंने कहा कि मेरी नरेंद्र मोदी जी से प्रार्थना है कि अगर वह वाकई हिंदू मुस्लिम सौहार्द्र चाहते हैं तो 2002 के दंगा पीड़ितों का पुनर्वास ठीक से करें और विहिप के लोगों को जहर उगलने से रोकें.
इसके साथ ही दिग्विजय ने शुबहा भी जताया कि बीजेपी इस विकास और मिले जुले स्वरूप पर कब तक कायम रहेगी. उन्होंने कहा कि वे जो हिंदू मुस्लिम एकता की बात कर रहे हैं, वह लागू करते हैं कि नहीं. कांग्रेस नेता के मुताबिक अगर बीजेपी के प्रचार को देखें तो दस में आठ दिन वे विकास की बात करते हैं, आखिरी दो दिन मियां मुशर्रफ,मियां अहमद पटेल की बात करते हैं.
राहुल गांधी के लिए मोदी का शुक्रिया
शहजादे की टिप्पणी पर दिग्विजय सिंह बोले कि हां, मैंने देखा है कि उनके भाषण में राहुल गांधी को काफी तरजीह दी जा रही है. हम उनके आभारी हैं.इसके बाद दिग्गी ने साफ किया कि भारतीय राजनीति में वंशवाद रहा है और रहेगा भी क्योंकि जो भी लोग राजनीति में आ रहे हैं और टिके हुए हैं, उन्हें जनता चुनकर भेज रही है. अपने तर्क के क्रम में दिग्गी ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि राजस्थान में बीजेपी की सीएम कैंडिडेट वसुंधरा राजे सिंधिया भी ग्वालियर की राजमाता विजय राजे सिंधिया की बेटी हैं.