कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह ने सोमवार को गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर पलटवार किया. उन्होंने कहा है कि मोदी पहले धर्मनिरपेक्षता की परिभाषा तो बताएं.
दरअसल, मोदी ने रविवार को पुणे में कहा था कि कांग्रेस जब संकट में आती है तो सेक्युलरिज्म के बुरके में छिप जाती है. मोदी के इसी बयान को आड़े हाथों लेते हुए दिग्विजय ने कहा कि संघ और बीजेपी का सेक्युलरिज्म अलग है. वे मानते हैं कि एक देश, एक धर्म और एक संस्कृति होनी चाहिए.
दिग्विजय ने कहा, 'मोदी की नजर में सेक्युलरिज्म क्या है? मोदी की सेक्युलरिज्म की परिभाषा क्या है? मोदी धर्मनिरपेक्षता के बारे में क्या कहते हैं, हम पहले वो सुनना चाहेंगे. क्योंकि जो परिभाषा आडवाणी की है और जो बीजेपी-संघ की रही है वो अलग है. वे एक धर्म, एक संस्कृति और एक राष्ट्र को मानते हैं.'
इसी के साथ दिग्विजय ने पत्रकारों से यह भी कहा कि वे मोदी के बारे में सवाल ना पूछें. उन्होंने कहा, 'आप लोग मुझसे मोदी जी के बारे में ज्यादा प्रश्न ना पूछें, क्योंकि मैं उनको तरजीह नहीं देना चाहता.'
गौरतलब है कि पुणे की रैली में रविवार को मोदी ने कहा था कि कांग्रेस जब संकट में आती है तो सेक्युलरिज्म के बुरके में छिप जाती है. उन्होंने कहा था, 'जरा गौर से देखिए. जब भी कांग्रेस को चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, चाहे वह भ्रष्टाचार हो, महंगाई हो, सुप्रीम कोर्ट के निर्देश हों, किसी मंत्री का जेल जाना हो, लड़कियों से बलात्कार हो या असुरक्षा का माहौल हो, वे लोगों को जवाब नहीं देते. जब भी संकट पैदा होता है, वे धर्मनिरपेक्षता का 'बुर्का' पहन लेते हैं और बंकर में छुप जाते हैं.'
इससे पहले उन्होंने शुक्रवार को समाचार एजेंसी रॉयटर्स को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि उनके लिए धर्मनिरपेक्षता 'भारत पहले' है. मोदी के मुताबिक, 'धर्मनिरपेक्षता की परिभाषा क्या है? मेरे लिए धर्मनिरपेक्षता का मतलब 'भारत पहले' है. मेरी पार्टी का सिद्धांत है, 'सभी को न्याय मिले. तुष्टिकरण किसी के लिए नहीं.' हमारे लिए यही धर्मनिरपेक्षता है.'