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दिग्विजय ने भाजपा शासित राज्यों पर साधा निशाना

कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर नए सिरे से निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि भाजपा शासित राज्य ‘संघी आतंकवाद’ में कथित तौर पर शामिल लोगों को संरक्षण दे रहे हैं.

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Digvijay Singh
Digvijay Singh

कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर नए सिरे से निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि भाजपा शासित राज्य ‘संघी आतंकवाद’ में कथित तौर पर शामिल लोगों को संरक्षण दे रहे हैं.

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उन्होंने यह बयान दिल्ली में आयोजित एक संगोष्ठी में दिया. दिग्विजय ने कहा कि कई आतंकवादी घटनाओं में मुस्लिम युवकों को ‘गलत ढंग’ से गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने कहा कि ‘संघी आतंकवाद’ से वैचारिक लड़ाई के जरिए निपटना होगा. कांग्रेसी नेता ने कहा, ‘इस बात की जांच कराने की जरूरत है कि संघ से जुड़े संगठनों को आर्थिक मदद कहां से मिल रही है.

अंतरराष्ट्रीय स्तर में मिलने वाली रकम की भी जांच होनी चाहिए.’ उन्होंने कहा, ‘जो बम बनाते हैं, वे गुजरात में जाकर संरक्षण पा लेते हैं. स्वामी असीमानंद को भी संरक्षण मिला था. असीमानंद के संगठन को वन भूमि किसने मुहैया कराई? इस तरह के तत्वों को भाजपा सरकारें सरंक्षण दे रही हैं.’

जब उनसे इन आरोपों के आधार के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह उनका निजी आकलन है. उन्होंने सवाल खड़ा किया कि समझौता एक्सप्रेस विस्फोट के मामले में गुजरात पुलिस ने हरियाणा पुलिस के साथ सहयोग क्यों नहीं किया? मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय ने कहा कि यह उनके लिए शर्म की बात है कि उनके गृह राज्य की इस तरह के संगठनों की वजह से बदनामी हो रही है. {mospagebreak}

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भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि आडवाणी की रथ यात्रा की वजह से बिहार, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे हिंदीभाषी राज्यों में परेशानी पैदा हुई थी. उन्होंने कहा, ‘जब कभी भाजपा कमजोर होती है तो वह सांप्रदायिक मुद्दे का सहारा लेती है. जब विवाद की स्थिति होती है तो वह मंदिर बनाने और ध्वज फहराने पर जोर देती है. बिना विवाद के भाजपा अपना अस्तित्व बरकरार नहीं रख सकती. राम जन्मभूमि का मुद्दा काफी पुराना था, लेकिन भाजपा ने इस मसले को वर्ष 1985 में उस समय उठाया, जब लोकसभा में उसके सिर्फ दो सांसद थे.’

बटला हाउस मुठभेड़ के बारे में अपने पुराने बयानों को दोहराते हुए उन्होंने कहा, ‘मुझे उस मुठभेड़ के बारे में अभी भी संदेह है. मुठभेड़ के दौरान कथित आतंकी आतिफ अमीन के सिर में पांच गोलियां लगी थीं, जबकि उसके शरीर में कहीं और गोली नहीं लगी थी.’ उन्होंने कहा कि आजमगढ़ के 26 पढ़े-लिखे मुस्लिम युवकों को सिर्फ इसलिए गिरफ्तार किया गया क्योंकि उनके मोबाइल फोन पर आतिफ के फोन से संपर्क हुआ था.

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